मनीष दुबे-
बिहार सीएम नीतीश कुमार द्वारा विधानसभा में दिए गए जनसंख्या नियंत्रण बयान को लेकर सियासत तेज हो गई है. महिला आयोग की चेयरपर्सन रेखा शर्मा ने नीतीश के बयान पर कटाक्ष करते हुए इसे महिलाओं के लिए अपमानजनक करार दिया है. हालांकि नीतीश कुमार ने विधानमंडल में सेक्स एजुकेशन पर दिये अपने बयान के लिए माफी माँगी, लेकिन तब तक उनका बयान उन्हें घेरने लायक लपका जा चुका है.
रेखा शर्मा का कहना है कि, “बिहार के सीएम का कल का बयान अपमानजनक था, हम इससे बेहद चिंतित हैं. जिस तरह से उन्होंने विधानसभा में बात की वह ‘सी ग्रेड’ फिल्म के डॉयलाग जैसा था. महिलाओं के सामने और सबसे बुरी बात यह थी कि उनके पीछे बैठे पुरूष हंस रहे थे. उनकी हरकतें और हावभाव लगभग एक भद्दे मजाक की तरह थे. सबसे बुरी बात यह है कि अध्यक्ष ने उन्हें अभी तक नहीं हटाया है. बिहार विधानसभा अध्यक्ष को उनके खिलाफ कदम उठाना चाहिए. उनके बयानों को समाप्त करना चाहिए.
इस मामले में सोशल मीडिया में तरह तरह की टिप्पणियां आ रही हैं, जिसमें नीतीश का विरोध होने के साथ ही उनकी तारीफ भी हो रही है. नीचे पढ़िये X पर किसने क्या लिखा है.
BJP Bihar– बिहार भाजपा के आधिकारिक X हैंडल पर लिखा गया है कि, भला कोई इतना गंदा और नंगा हो सकता है क्या? बिहार विधानसभा के बाद विधान परिषद में महिला और पुरुष के संबंधों का घृणित और निकृष्ट शब्दों में पोस्टमार्टम करके नीतीश कुमार ने अपना चरित्र और चेहरा उजागर कर दिया। महिला सशक्तिकरण के नाम पर महिलाओं के प्रति अपनी घटिया सोच का साक्ष्य दिया है। बिहार के भार नीतीश कुमार।
श्याम मीरा सिंह– नीतीश कुमार ने सदन मनें जो कहा है वह असामान्य नहीं है. अगर जनसंख्या नियंत्रण पर बात हो तो बहुत सामान्य है कि रिप्रोडक्शन प्रक्रिया से जुड़ी बातें भी आ जाएं. कई सरकारों ने खुद कंडोम और जनसंख्या नियंत्रण से जुड़े प्रोग्राम चलाए हैं. जनजाग्रति कार्यकम आयोजित किये गए हैं. नीतीश कोई नौसिखिया नेता नहीं थे कि उनके मुंह से कुछ निकल गया, वे प्रशंसा के पात्र हैं कि उन्होंने अपनी बात रखते वक्त बिल्कुल भी नहीं झेंपा, न किसी और की तरफ देखा. नीतीश जी ने जो सदन में कहा वे बातें आज कॉलेज और यूनिवर्सिटी की गरिमापूर्ण कक्षाओं में सामान्य हो चुकी हैं, आज सामान्य बातचीत में भी लोग सहज होकर इस पर बात रखते हैं. नीतीश संभवतः पहले नेता हैं जिन्होंने सदन में रीप्रोडक्शन प्रोसेज पर बोला. मैं नीतीश का प्रशंसक नहीं रहा, हालाँकि कई बार वे अच्छे और बुरे दोनों लगे. लेकिन उनके इस साहस और सहजता के लिए उनकी प्रशंसा बनती है. सदन में कही उनकी बातों पर मीम्स, जोक्स अगर बनते हैं तो उन्हें भी सहज लिया जाना चाहिए. लेकिन इस आधार पर उनकी आलोचना और उन्हें कठोर शब्द कहने का तुक कहीं नहीं दिखता.
समीरात्मज मिश्रा– बड़प्पन इसी को कहते हैं। नितीश कुमार ने जो कहा वो सही है, ग़लत है ये अलग विषय है लेकिन जब बहुत से लोगों को वह बात अशोभनीय लगी तो उसी सदन में वो न सिर्फ़ क्षमा माँग रहे हैं बल्कि उस बयान के लिए अपनी निंदा भी कर रहे हैं।
शुभम शुक्ला– जब शादी होती है तो पुरूष रोज रात में करता है न. भीतर नहीं…….लेकिन अंतिम में भीतर मत घुसाओ….जनसंख्या नियंत्रण पर ऐसा बयान? ये बिहार के सीएम नीतीश कुमार का विधानसभा में बयान देखिये. सदन में महिलाएं भी रही होंगी. क्या देश में इतना खुलापन आ गया है कि विधानसभा में ऐसी बातें? पुरुष विधायक भी नजरें झुका लिए.
विजय सिन्हा (नेता प्रतिपक्ष) “नीतीश कुमार मेंटल हो चुके हैं. उनकी उम्र हो चुकी है, याददाश्त भी कमजोर हो चुकी है. इनको इस्तीफा देना चाहिए. ये व्यक्ति बिहार की सत्ता पर बैठने के योग्य नहीं है. ये जातीय उन्माद पैदा करके बिहार में आग लगाना चाहते हैं.”
प्रतीक पटेल– जिन लोगों को नीतीश कुमार जी के विधानसभा वाले बयान पर दिक्कत हो रही, वह कृपया करके इस वीडियो को जरूर देखेंl और यह देखें कि महिलाएं, नीतीश कुमार की जो भावनाएं हैं, उसपर अपनी प्रतिक्रिया कैसे व्यक्त कर रही हैंl सेक्स एजुकेशन पर बात होनी चाहिए, फैमिली प्लानिंग के साथ-साथ बहुत सारी बीमारियों से भी बचा जा सकता है l