अस्सी संगठनों के झंडे तले मध्य प्रदेश के कोने कोने से आए हजारों आदिवासियों ने इतवार को भोपाल के जम्बूरी मैदान में जल, जंगल, जमीन और जीवन बचाने के लिए हुंकार भरी. इस हुँकार सभा की विशेषता यह रही की एक तरफ इसमें मोदी सरकार के मंत्री फग्गनसिंह कुलस्ते मौजूद थे, वहीँ हाल ही विधायक बने कांग्रेस के बड़े नेता कांतिलाल भूरिया और कमलनाथ सरकार में मंत्री बाला बच्चन ने भी हिस्सा लिया.सभा के लिए ये आदिवासी स्टेशन से जुलूस की शक्ल में जम्बूरी मैदान पहुंचे थे.
अफ़सोस, प्रतिदिन सबसे विश्वसनीय और नंबर-1 का दावा ठोकने वाले भोपाल, इंदौर और ग्वालियर के दैनिक भास्कर ने`आदिवासियों की एकजुटता दर्शाने वाली यह खबर अन्दर के पेज पर आठ दस लाइन में बिना तस्वीर के छापी.
ये सभी संस्करण स्वर्गीय रमेश अग्रवाल के पुत्रों के स्वामित्व में हैं. दरअसल हर सोमवार को पाठकों के समक्ष इस भास्कर को बतौर नो निगेटिव अखबार पेश किया जाता है इसलिए मुमकिन है आयोजन को निगेटिव इवेंट मानकर व्यापक कवरेज से परहेज किया गया हो?
यह भी हो सकता है की चूँकि आठ पेज कमलनाथ की बर्थडे पर बधाई के विज्ञापनों को समर्पित हैं सो स्पेस का टोटा रहा होगा. अब मुख्यमंत्री के आगे आदिवासियों की क्या बिसात..
इसके बरक्स स्वर्गीय विशम्भरदयाल अग्रवाल के स्वामित्व वाले दैनिक भास्कर जबलपुर में आयोजन की बड़ी खबर तस्वीरों सहित पांच कालम में प्रकाशित हुई है. उधर खुद को दैनिक भास्कर का प्रतिद्वंदी बताने वाले पत्रिका के मुख्य अखबार से भी यह खबर गायब रही.
इस अख़बार के इतवार के ही अंक में पझ्ले पेज पर दूसरी सचित्र खबर छपी है जिसमे पत्रकारिता दिवस पर अख़बार मालिक गुलाब कोठारी को उपराष्ट्रपति से प्रेस परिषद का पुरस्कार लेते दिखाया गया है.! अलबत्ता नवदुनिया [नईदुनिया] और दैनिक जागरण ने इसे प्रमुखता से छापा है.