रवीश कुमार-
दैनिक जागरण की यह ख़बर देखिए। अग्निवीर योजना को लेकर कांग्रेस ने सत्याग्रह किया। रविवार को जंतर मंतर पर सत्याग्रह की ख़बर को जागरण ने कैसे रिपोर्ट किया है, उसे देखना चाहिए।
आम तौर पर ऐसी ख़बरों की हेडलाइन नेताओं के भाषण से बनती है, जिससे पता चले कि विपक्षी दल ने क्या कहा। लेकिन उसकी जगह हेडलाइन यह है कि “युवाओं को उकसाने में लगे राजनीतिक दल”।
यह देश का सबसे ज़्यादा पढ़ा जाने वाला अख़बार है। अख़बार चाहता है कि आप विपक्ष के प्रदर्शन को इस नज़र से देखें। आज भले न समझें लेकिन दस साल बाद तो ज़रूर समझें।
हेमराज सिंह चौहान-
ये हेडिंग बताती है कि ये दैनिक नहीं.. ‘दंगाई जागरण’ है.. दुःख है कई सालों तक इसे पढ़ा है.. पहले अल्मोड़ा में और फिर दिल्ली में राष्ट्रीय संस्करण..
पिछले 5 सालों से नियमित तौर पर अख़बार नहीं पढ़ा है कोई भी हिंदी.. कोरोना के पहले काल में ज़रूर हिंदुस्तान पढ़ा कुछ समय.. दुनिया के सबसे ज़्यादा पढ़ें जाने वाले अख़बार ने कांग्रेस के सत्याग्रह की हेडलाइन को अपने अख़बार की लाइन में बदल दिया है..
सिद्धार्थ विमल-
शासन चलाने का गैंगस्टर स्टाइल। लोकतंत्र में नागरिकों के असंतोष दुःख तकलीफ़ को विपक्ष नहीं रखेगा तो कौन रखेगा? मीडिया से लेकर प्रशासन तक के लोग जिस तरह का व्यवहार और बयानबाज़ियाँ कर रहे हैं, यह सत्ता को लोकतांत्रिक नहीं बल्कि गैंगस्टर स्टाइल में चलाने का एक विध्वंस्कारी रास्ता है। विपक्ष को चाहिए कि इन सभी मीडिया संस्थानों के ख़िलाफ़ सड़क संसद और अदालत में एकीकृत विरोध प्रगट करे। ऐसे कैसे चलेगा देश?