खबर ग्वालियर से है। पुलिस, पत्रकारों, कुछ प्रादेशिक चैनल के ब्यूरो हैड और क्राईम ब्राँच के पुलिस कर्मचारियों, अधिकारीयों के गठजोड़ के बीच 2 करोड़ रुपये की बंदरबांट की गई है. चर्चा के मुताबिक एक प्रादेशिक चैनल के ब्यूरो हेड ने 3 अन्य प्रादेशिक चैनल के कारिंदो और लोकल चैनल व लोकल अख़बार के कुछ पत्रकारों एवं क्राइम ब्राँच के कुछ पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत से 2 करोड़ रुपये हज़म किये हैं.
ग्वालियर में एक किसान की 40 करोड़ की पैतृक जमीन और सम्पत्ति दिल्ली के किसी बिल्डर ने 32 करोड़ में फाईनल कर सौदा कर लिया. बिल्डर सम्पत्ति खरीद रवाना हो गया, लेकिन जिस किसान को 32 करोड़ मिले उसे शहर के ब्लैकमेलर पत्रकारों ने इनकम टैक्स की रेड कराने सहित कई तरह से डरा धमकाकर 2 करोड़ रूपये वसूल लिए.
चर्चा के मुताबिक पत्रकारों और पुलिस के बीच दो करोड़ का बंटवारा बराबर बराबर नहीं हो सका. चैनल के ब्यूरो हेड ने करीब डेढ़ करोड़ खुद के पास रख लिए और 50 लाख में बाकी सभी का मुंह बंद कराने की कोशिश की. बस इसी कारण ब्लैकमेलिंग का चिट्ठा खुल गया और बात बिगड़ गई. खबर अखबारों में भी छपी लेकिन पुलिस-प्रेस के गठजोड़ में सभी चोर चोर मौसेरे भाई मुँह में गुड़ रखकर एक दूसरे को कोस रहे हैं और चुप्पी साधे हैं.
अंदर की खबर तो ये भी है कि कुछ नामचीन प्रादेशिक चैनल के पत्रकारों ने राजधानी में बैठे अपने आकाओं तक कमाई का हिस्सा पहुंचा कर कर्सी सुरक्षित कर ली है और कुछ अभी अपने-अपने संस्थानों से फरार चल रहे हैं. अख़बार की सुर्खियां बनीं कतरन उपर हाजिर है.