मीडिया में आए नए लोगों के लिए स्टिंग और ब्लैकमेलिंग वाली पत्रकारिता बन गई है मजबूरी!

Sanjaya Kumar Singh : नए पत्रकारों के लिए क्या करें, क्या नहीं… जानना जरूरी… फरीदाबाद में पत्रकार पूजा तिवारी की मौत के मामले में कहा जा रहा है कि ब्लैकमेलिंग का आरोप लगने के बाद वह अवसाद में थी और इसीलिए उसने आत्महत्या कर ली। आत्महत्या कर लेने से ब्लैकमेलिंग का मामला कम नहीं होता पर जिस ढंग से उसके अलग-थलग पड़ जाने के मामले सामने आ रहे हैं उसमें क्या यह जरूरी नहीं है कि मीडिया संस्थान स्टिंग (जोखिम वाली रिपोर्टिंग) करने करवाने के बारे में अपने नियम बनाए और घोषित करे। क्या इसमें सरकार और समाज की कोई भूमिका नहीं है। अव्वल तो मेरा मानना है कि गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम, 1994 ही बेजरूरत है और एक तरफ इसका अपेक्षित लाभ नजर नहीं आ रहा है तो दूसरी तरफ इसके दुरुपयोग के कई मामले हैं।

जी न्यूज के इस संवाददाता को खबर रोकने के लिए चाहिए फ्लैट या दस लाख रुपए! (सुनें टेप)

हरिद्वार के जी न्यूज संवाददाता नरेश गुप्ता द्वारा एक प्रापर्टी डीलर से एक फ्लैट या 10 लाख रूपये की मांग करते हुए ब्लैकमेल किये जाने की एक आङियो क्लिप इन दिनों हरिद्वार में खूब चर्चा का विषय बनी हुई है. इसमें जी न्यूज संवाददाता प्रापर्टी डीलर से विवादित जमीन की खबरें न दिखाने की एवज में एक फ्लैट या 10 लाख रुपये की मांग कर रहा है. वह उस व्यक्ति को साफ साफ इशारों में कह रहा है कि यदि वह न मानेगा तो वह खेल बिगाड़ देगा.

जानिए, कैसे ब्लैकमेल करते हैं ये दैनिक भास्कर वाले… (सुनें टेप) …रिपोर्टर ने संपादक के लिए प्राचार्य से मांगी LED

दैनिक भास्कर होशंगाबाद के सीनियर रिपोर्टर अभिषेक श्रोती ने यूनिट के संपादक अतुल गुप्ता के लिए रिश्वत में 70 हज़ार रुपये की LED मांगी है. रिपोर्टर ने यह LED ज़िले के शासकीय स्कूल पिपरिया के प्राचार्य से आगे खबर नहीं छापने और अभी तक छापी गई खबर में प्राचार्य सरयाम के विरुद हुई कार्रवाई को कलेक्टेर व जिला शिक्षा अधिकारी से फाड़कर फिकवाने के लिये मांगी है. यह खुलासा प्राचार्य द्वारा की गयी रिकॉर्डिंग में सामने आया है. रिपोर्टर द्वारा रिश्वत मांगने के बाद प्राचार्य ने इस रिकॉर्डिंग को सार्वजानिक की है.

ग्वालियर में मीडिया और पुलिस का कथित गठजोड़, 2 करोड़ की खुली बंदरबांट!

खबर ग्वालियर से है। पुलिस, पत्रकारों, कुछ प्रादेशिक चैनल के ब्यूरो हैड और क्राईम ब्राँच के पुलिस कर्मचारियों, अधिकारीयों के गठजोड़ के बीच 2 करोड़ रुपये की बंदरबांट की गई है. चर्चा के मुताबिक एक प्रादेशिक चैनल के ब्यूरो हेड ने 3 अन्य प्रादेशिक चैनल के कारिंदो और लोकल चैनल व लोकल अख़बार के कुछ पत्रकारों एवं क्राइम ब्राँच के कुछ पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत से 2 करोड़ रुपये हज़म किये हैं.

ज़ी मरुधरा चैनल के स्टिंग अभियान के खिलाफ बिल्डरों ने मोर्चा खोला

राजस्थान में साल भर पहले लांच हुए ज़ी ग्रुप के रीजनल न्यूज चैनल जी मरुधरा के खिलाफ बिल्डरों ने मोर्चा खोल दिया है. आरोप है कि चैनल बिल्डरों को ब्लैकमेल करता है. बिल्डर एसोसिएशन द्वारा सभी सदस्य बिल्डरों को संगठित कर ज़ी समूह के सभी चैनलों पर भविष्य के लिये विज्ञापनों पर पूर्ण प्रतिबंध का फैसला लिया गया है. क्रेडाई ने अपने संगठन के सभी सदस्य बिल्डरों से अपील की है की वे रेपोर्टरों की ब्लैकमेलिंग या निगेटिव न्यूज़ से डरकर उन्हें  किसी प्रकार कोई नगद, फ्लैट, ज़मीन या गिफ्ट आदि देकर शोषण के कारोबार को बढ़ावा ना दें.

ब्लैकमेलिंग मामले में ‘सुदर्शन न्यूज’ चैनल के मालिकान भी संदेह के घेरे में! लीपापोती के लिए सारे घोड़े खोले!!

जिन चार लोगों को ब्लैकमेलिंग मामले में गिरफ्तार किया गया है, उनसे पूछताछ और मोबाइल काल डिटेल चेक करने के बाद दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के शक के दायरे में सुदर्शन न्यूज चैनल के एक मालिकान भी आ गए हैं. चैनल के बड़े मालिक हैं सुरेश चह्वाणके. इनके छोटे भाई भी एक मालिक हैं जिनका नाम है राम चह्वाणके. सुदर्शन न्यूज की एसआईटी के लोग राम चह्वाणके के अधीन रहकर काम करते थे. सुदर्शन न्यूज के गिरफ्तार रिपोर्टरों ने क्राइम ब्रांच की पूछताछ में बताया है कि उगाही का एक हिस्सा वह चैनल के मालिक को देते थे.

सुदर्शन न्यूज चैनल की असलियत सामने आई, ब्लैकमेलिंग में रिपोर्टर समेत चार गिरफ्तार

खुद को प्रखर राष्ट्रवादी बताने वाले न्यूज चैनल सुदर्शन न्यूज की असलियत सामने आ गई है. इस चैनल की एसआईटी यानि स्पेशल इवेस्टीगेटिंग टीम के चार लोगों को ब्लैकमेलिंग में गिरफ्तार किया गया है. ये सभी नर्सिंग होम व क्लीनिक चलाने वाले डॉक्टरों व पैथोलॉजी लैब मालिकों को लिंग परीक्षण के नाम पर ब्लैकमेल करते थे. आरोपियों में सुदर्शन चैनल के दो रिपोर्टर, एक महिला जो एक रिपोर्टर की पत्नी है, शामिल हैं.  चारों 50 से अधिक नर्सिग होम, लैब मालिक व डॉक्टरों को स्टिंग में फंसाकर करोड़ों रुपये की वसूली कर चुके हैं.