Naved Shikoh : देश के ब्रांड अखबारों में रिपोर्टर से लेकर यूपी के तमाम संस्करणों में संपादक की जिम्मेदारी निभाने वाले लखनऊ के पत्रकार दिनेश पाठक आजकल काउंसलर की भूमिका में नजर आ रहे है।
एक वीडियो में पत्रकार दिनेश पाठक एक लेक्चर में जनता को संबोधित करते हुए कह रहे हैं कि ये नकारात्मक धारणा गलत है कि पत्रकारिता में अब कुछ नहीं बचा है। महात्मा गांधी ने कहा था कि असल पत्रकारिता जनता की सेवा है।
पाठक बताते हैं कि कॉरपोरेट कल्चर और सरकारी दबाव के दौर में ही उन्होंने किस तरह और कैसे सरकार को इस बात का अहसास दिलाया कि गोरखपुर को सबसे पहले एम्स जैसे अस्पताल की जरूरत है। इंसेफेलाइटिस से बच्चों की मौत से करहाते गोरखपुर में एम्स बनने के फैसले के पीछे उनकी सेवाभाव वाली पत्रकारिता ने रंग दिखाया था।
इसी तरह महिला अपराध को काबू करने के लिए किस तरह से उनके अखबार और विज़न की ख़ास भूमिका रही। इसी तरह के तमाम किस्सों में दिनेश पाठक बताते हैं कि एक गरीब मजदूर मजदूरी करते हुए एक बिल्डिंग से गिर कर बुरी तरह घायल हो गया। उसका पूरा पैर काटना पड़ा। इलाज के खर्च के लिए मजदूर की पत्नी अपने एक साल के बच्चे को बेचना चाहती थी। इस पर दिनेश पाठक की स्टोरी को पढ़कर सैकड़ों पाठकों ने मदद के लिए हाथ बढ़ाये।
मजदूर का बेहतर इलाज हुआ और मंहगा आर्टिफिशियल पैर भी लग गया। पाठकों/आम पब्लिक की मदद से इतना धन एकत्र हो गया था कि मजदूर को एक बेहतरीन दुकान खुलवा दी गई।
देखें वीडियो-
नवेद शिकोह
पत्रकार, लखनऊ