लगता है आसाराम के खिलाफ पीछे पड़े रहने का ‘पाप’ दीपक चौरसिया को लगने लगा है. ऐसा आसाराम के भक्त सोशल मीडिया पर कह रहे हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दीपक चौरसिया को गिरफ्तारी से मिले स्टे को खत्म कर दिया है और उनकी प्रार्थना को निरस्त कर दिया है. दीपक चौरसिया को महीने भर के भीतर कोर्ट जाकर बेल के लिए अप्लाई करना होगा और अगर कोर्ट ने बेल नहीं दी तो उन्हें जेल जाना पड़ सकता है.
‘इंडिया न्यूज’ के दीपक चौरसिया ने अपने चैनल पर आसाराम के खिलाफ लगातार खबरें दिखाने और टीआरपी पाने के क्रम में कुछ ऐसी झूठी खबरें भी दिखा दी हैं जो उनके गले की फांस बन गई है. आरोप है कि दीपक चौरसिया ने गुड़गांव के निवासी और आसाराम के एक भक्त की पारिवारिक प्राइवेट वीडिओ से छेड़छाड़ कर निहित स्वार्थ वश चैनल पर दिखाया. खबर के जरिए दीपक चौरसिया ने गुड़गांव के एक परिवार की 10 वर्षीय नन्ही स्कूली बच्ची और उसकी ताई के चरित्र को कलंकित कर दिया. इनकी शिकायत पर गुडगाँव पुलिस ने बड़ी मुश्किल से 15 दिसंबर 2013 को जीरो FIR करके जांच-पड़ताल नोएडा ट्रांसफर कर दी. इतने बड़े चैनल और इतने बड़े पत्रकार के मामले से बचने के उद्देश्य से नोएडा पुलिस ने केस को फिर गुड़गाँव वापस भेज दिया. कार्रवाई के लिए पुनः प्रार्थना दिए जाने दोनों जगहों की पुलिस एक दूसरे के सिर मामले को टालती रही.
पीड़ित परिवार की ओर से प्रार्थना पत्र आने पर कुछ समाजसेवी संस्थाओं (NGO)ने इसमें हस्तक्षेप कर व्यापक धरना-प्रदर्शन किया. इसके बाद दीपक चौरसिया ने इलाहबाद उच्च न्यायालय के तीन बड़े वकीलों द्वारा अरेस्ट स्टे (बेल) की अर्जी लगा दी. चूँकि पक्की FIR दर्ज नही हुई थी, फिर भी न्यायालय को गुमराह करते हुए, सेटिंग से 18 अप्रैल 2014 को अरेस्ट स्टे ले लिया. इस स्टे को पीड़ित परिवार ने चैलेन्ज किया. 8 अक्टूम्बर 2014 को दीपक चौरसिया का अरेस्ट स्टे इलाहाबाद उच्च न्यायलय ने खारिज कर दिया. अपने आर्डर में कोर्ट ने कहा है कि जब जीरो FIR के आधार पर अभी तक कोई केस दर्ज ही नहीं हुआ है तो बेल का कोई औचित्य नहीं बनता है.
पीड़ित परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में आरोपियों पर पुलिस कार्यवाही की मांग को लेकर अर्जी लगाई थी जिस पर 17 फरवरी 2014 को सुप्रीमकोर्ट ने गुड़गांव और नोएडा दोनों जगहों की पुलिस को जवाब देने का नोटिस दे दिया. सुप्रीम कोर्ट की नोटिस को कोई महत्व ना देते हुए दोनों जगहों की पुलिस इसे आठ महीने तक टालती रही. अंत में सुप्रीम कोर्ट ने 8 अक्तूबर, 2014 को 7 दिन में जवाब देने और 27 अक्तूबर तक केस फाइल करने की म्याद देकर दोनों पुलिस को आर्डर पकड़ा दिया है. इस तरह दीपक चौरसिया के जेल जाने की स्थितियां तैयार होती दिख रही हैं.
मूल खबर…
आसाराम मामले में हाई कोर्ट ने दीपक चौरसिया की ज़मानत अर्जी खारिज की
संबंधित खबर से जुड़े कुछ डाक्यूमेंट्स….
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आसाराम समर्थकों ने दीपक चौरसिया, अजीत अंजुम और अजय कुमार के खिलाफ जारी किया प्रेस नोट
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इस प्रकरण से जुड़े कुछ वीडियो लिंक….
https://bhadas4media.com/old1/video/viewvideo/775/media-world/noidafinalwithdc.html
https://bhadas4media.com/old1/video/viewvideo/776/media-world/noidadharna03012014.html
Comments on “बेल न मिली तो दीपक चौरसिया जा सकते हैं जेल (देखें कोर्ट आदेश)”
Inko bar-2 jaill me bhejana chahiye, ek choti si bachhi ke sath khilwad kiya hai, Inko har chaurahonse paidal thane le jana chahiye.
is ‘ghatiya’ aur ‘TRP ke bhukkad’ patrakaar ke saath yahi hona chahiye!
एक बार जेल में जाकर तो आओ ,बाहर आने पर जे वालो के पीछे पद जाना उसकी पोल खोलना तब मजा आयेगा.वैसे चौरसिया बाबू जेल तो जाना ही पड़ेगा क्योकि अति भी उतनी ही मचाई थी.सच का झूठ और झूठ का सच अब सब जेल में जाओगे तब सामने आएगा.
Chor rasia ko jail nahi bhejna chahiye………………. balki use tatkal FAANSI pr chadha dena chahiye.
हरि ॐ
ये अंधा कानून है. .!!!
न्यायालय से अब सत्यमेव जयते की जगह ……….. ‘भ्रष्ट मेव जयते ; लिखवा देना चाहिए
राम जी के राज्य में भी एक
धोबी था जिसने निर्दोष सीता माता पर
आरोप लगाये | हमारे बापू पर इल्जाम लगाने
वाले उस धोबी के ही वंशज हैं
कृष्णा भगवान को साधारण
ग्वाला समझकर उनका अपमान करने वाले
दुर्योधन और शिशुपाल के वंसजो को हम
व्यर्थ में कुछ समझा नहीं सकते
नानक और कबीर पर आरोप लगाने
वालों के वंसजों को कुछ समझाना भैंस के
आगे बीन बजाना है .
MERA BAS CHALE TO MAI DEEPAK CHOOR KE DONO HAATH
OUR DONO PAIR
1 AAKH OUR
1 KAAN KAAT KAR BHAIK MAGBAAOOO