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अब रिकवरी डालने में जुटे दैनिक जागरण कर्मचारी

नई दिल्ली/ नोएडा। मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशें लागू करने की वाजिब मांग कर रहे दैनिक जागरण के कर्मचारियों ने अब प्रबंधन को तगड़ी चोट देने की तैयारी कर ली है। माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश को धता बताने में जुटा जागरण प्रबंधन मजीठिया से बचने के लिए सारे हथकंडे अपना चुका है लेकिन अब उसे ऐसी चोट पड़ेगी कि कंपनी को डुबोने को तैयार बैठे प्रबंधन के चमचे बुरी तरह तिलमिला जायेंगे।

<p>नई दिल्ली/ नोएडा। मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशें लागू करने की वाजिब मांग कर रहे दैनिक जागरण के कर्मचारियों ने अब प्रबंधन को तगड़ी चोट देने की तैयारी कर ली है। माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश को धता बताने में जुटा जागरण प्रबंधन मजीठिया से बचने के लिए सारे हथकंडे अपना चुका है लेकिन अब उसे ऐसी चोट पड़ेगी कि कंपनी को डुबोने को तैयार बैठे प्रबंधन के चमचे बुरी तरह तिलमिला जायेंगे।</p>

नई दिल्ली/ नोएडा। मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशें लागू करने की वाजिब मांग कर रहे दैनिक जागरण के कर्मचारियों ने अब प्रबंधन को तगड़ी चोट देने की तैयारी कर ली है। माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश को धता बताने में जुटा जागरण प्रबंधन मजीठिया से बचने के लिए सारे हथकंडे अपना चुका है लेकिन अब उसे ऐसी चोट पड़ेगी कि कंपनी को डुबोने को तैयार बैठे प्रबंधन के चमचे बुरी तरह तिलमिला जायेंगे।

ऐसा इसलिए क्योंकि अब वे अपने मालिकान को और ज्यादा बेवकूफ बनाकर अपनी जेबें गर्म नहीं कर पाएंगे। जागरण कर्मचारियों ने अपने एरियर की मांग को लेकर मजीठिया वेज बोर्ड का अच्छी तरह से अध्ययन कर जिला श्रम कार्यालयों को रिकवरी रिपोर्ट भेजनी शुरू कर दी है। अभी दिल्ली के तीन ही जागरण कर्मचारियों ने अपनी रिकवरी रिपोर्ट जिला श्रम कार्यालयों को भेजी है और यह जमा कुल सवा करोड़ के आसपास बैठती है। जबकि अभी नोएडा में 200 से अधिक कर्मचारी रिकवरी डालने की तैयारी कर रहे हैं। कर्मचारी अगले 15 दिन में अपनी रिकवरी रिपोर्ट जिला श्रम कार्यालयों को भेज देंगे।

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जिला श्रम कार्यालय कंपनी को भी रिपोर्ट की एक कॉपी भेजेंगे। दिल्ली, नोएडा के बाद बाद हरियाणा, पंजाब और जम्मू में भी कर्मचारी रिकवरी रिपोर्ट डालना शुरू कर देंगे। कर्मचारियों का कहना है कि दिल्ली के जिला श्रम कार्यालयों में उप श्रमायुक्त के बुलाने के बाद भी प्रबंधन सुनवाई के लिए नहीं आ रहा है। यदि कंपनी के प्रतिनिधि लगातार तीन सुनवाइयों में भी जिला श्रम कार्यालय में उपस्थित नहीं होते हैं तो जिला श्रम कार्यालय राज्य के सम्बंधित जिलाधिकारी को इस सम्बन्ध में रिपोर्ट भेजता है।

जिलाधिकारी कंपनी को नोटिस भेजते हैं कि कर्मचारी को उसकी बकाया राशि दे दी जाये। यदि कंपनी जिलाधिकारी की बात को अनसुना करती है तो उन्हें कानून के अनुसार उचित कदम उठाकर कर्मचारी को न्याय दिलाने की शक्ति प्राप्त है। ऐसे में कर्मचारियों ने न्याय पाने के लिए अपनी लड़ाई को और ज्यादा मजबूती से लड़ते हुए रिकवरी रिपोर्ट बनानी शुरू कर दी है।

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