यशवंत जी के ध्यानार्थ
मैं लंबे वक्त से ईटीवी में कार्यरत हूं……काफी समय से चुप था लेकिन आज सोचा अपनी भड़ास लिख दूं…मैं अभी इस संस्थान में काम कर रहा हूं…कभी भी निकाला जा सकता हूं…इसलिए आपसे निवेदन है कि कृपया मेरा नाम ना छापें…..आपको सही लगे तो अपनी साइट पर 3000 लोगों की आवाज लिख दीजिएगा, नहीं तो डिलिट वाला ऑप्शन है ही।
धन्यवाद
ईटीवी भारत में छंटनी की खबर, प्रसन्नजीत रॉय और मैनेजमेंट खुद बचने के लिए ट्रेनी की दे रहे कुर्बानी
मीडिया जगत के दिग्गज रामोजी राव ने दो साल पहले ईटीवी भारत शुरू किया था। प्रोजेक्ट तो बहुत ठीक था, करोड़ो रुपये पानी की तरह बहाए गए, लेकिन कमान गलत हाथों में चली गई। ईटीवी भारत को लांच हुए एक साल से ज्यादा हो गए लेकिन मैंनेजमेंट कमा कर आज तक एक रुपये नहीं दे पाया।
करीब 3000 से ज्यादा स्टाफ वाले ईटीवी भारत भी लॉकडाउन के जाल में फंस गया। रामोजी फिल्म सिटी बंद है और ईनाडू पेपर भी नहीं बिक रहा। जिससे कंपनी का रेवेन्यू कम हो गया। दो साल से घाटे में चल रहा ईटीवी में छंटनी की बारी आई। इस पर जिम्मेदार लोग जो खुद चार-चार पांच-पांच लाख सैलरी ले रहे उन्होंने घाटे की पूरी जिम्मेदारी ट्रेनी और कंटेंट एडिटर्स पर डाल दी। अब आप बताइए कि अगर कंपनी का रेवेन्यू नहीं आ रहा सालभर से तो उसका जिम्मेदार कौन है। 16 हजार की नौकरी करने वाला ट्रेनी कंटेंट एडिटर्स या फिर लाखों सैलरी लेने वाले मैनेजर।
फिलहाल हर डेस्क से कर्मचारियों को निकाले जाने का सिलसिला शुरू हो गया है। अब तक 10 के करीब लोगों के निकाले जाने की खबर है, बाकी 40 लोगों की लिस्ट और तैयार है। मैं भी छोटी सी पोस्ट पर काम कर रहा, पता नहीं कब मेरी विदाई कर दें ये लोग, भगवान जानें। कंपनी जबरन सबसे रिजाइन लिखवा रही ताकी दो महीने की सैलरी ना देनी पड़े। कंपनी में अभी सर्वे सर्वा प्रसन्नजीत रॉय हैं, जो वाइस प्रेसिडेंट हैं। बाकी नीशांत शर्मा एडिटर इन चीफ हैं। ये लोग अपनी जिम्मेदारी कब लेंगे पता नहीं।
एक ईटीवी कर्मी द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.