Rahul Pandey : हम जीत गए, फेसबुक हार गया। आज सोमवार को ट्राई ने फेसबुक और रिलायंस को उसकी औकात बताते हुए हम लोगों की नेट न्यूट्रैलिटी की पैरोकारी को विजयी बनाया है। अब फेसबुक अपने यहां फ्री बेसिक्स का फर्जीवाड़ा नहीं कर पाएगा। ट्राई ने साफ कहा है कि सर्विस प्रोवाइडर अलग-अलग कंटेंट के लिए डिफरेंट टैरिफ नहीं ले पाएंगे। आज ही इसका नोटिफिकेशन जारी किया गया है जो अभी से ही सारी टेलीकॉम कंपनियों पर लागू है। न माना तो हर दिन पचास हजार रुपये जुर्माना भी देना पड़ेगा और ट्राई उस कंपनी का टैरिफ वापस भी ले लेगा।
इतना ही नहीं, कुछ कंपनियां ऐसी हैं जो कहती फिरती हैं कि उनका कनेक्शन लिया तो फेसबुक या ट्विटर फ्री में चलाने को मिलेगा, उनपर भी तुरंत रोक लगा दी गई है। अगर कोई कंपनी ऐसा कहती मिले या दिखे तो तुरंत ट्राई को उसकी वेबसाइट पर जाकर मैसेज करें, उस कंपनी की वाट लगा दी जाएगी। सबसे ज्यादा नज़र रखने की जरूरत है रिलायंस पर क्योंकि ये कंपनी इतनी बेहया है कि बगैर किसी की इजाजत के ये सारा भ्रष्टाचार ये पिछले साल अक्टूबर से ही कर रही है।
हम नेट न्यूट्रैलिटी चाहने वाले तकरीबन 6 लाख लोग थे जिनने ट्राई को फेसबुक और रिलायंस के गठजोड़ से होने वाले महाभ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए अपने अपने तर्क रखे थे। अब ये दीगर बात है कि फर्जीवाड़े से फेसबुक ने अपने 32 लाख लोगों को बरगलाया और फ्री बेसिक्स के समर्थन में ट्राई को मेल कराया। फिर भी हमने हिम्मत नहीं हारी और लगातार इस फर्जीवाड़े के बारे में बताते रहे, लड़ते रहे। आने वाले कुछ दिनों के लिए ही सही, लेकिन हम जीत गए। अब देश में सबको समान दर पर इंटरनेट यूज करने को मिलेगा। सभी वेबसाइट्स समान दर पर ही खुलेंगी। बधाई।
पत्रकार राहुल पांडेय के फेसबुक वॉल से. राहुल पांडेय ने इस प्रकरण पर फेसबुक पर पूरी सीरिज चलाई थी, ‘फेसबुक के फ्रॉड’ शीर्षक से जिसे आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं.