रेड एफएम को दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक बड़ी राहत दी और केंद्र सरकार के 15 जुलाई के उस आदेश को रद्द कर दिया जिसमें इस रेडियो चैनल को सुरक्षा संबंधी मंजूरी देने से इनकार कर दिया गया था और एफएम नीलामी के तीसरे चरण में रेड एफएम के भाग लेने के आवेदन को भी रद्द कर दिया गया था।
न्यायमूर्ति बदर दुरेज अहमद और न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा की पीठ ने रेड एफएम चलाने वाली कंपनी डिजिटल रेडियो ब्रॉडकास्टिंग लि. को आज से शुरू हो रही एफएम की तीसरे चरण की ई-नीलामी में भाग लेने की अनुमति दे दी है। अदालत ने रविवार को एक विशेष रूप से सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया। रेड एफएम कलानिधि मारन प्रवर्तित सन टीवी की इकाई है।
पीठ ने कहा, ‘‘हम 15 जुलाई, 2015 को जारी पत्र के जरिये दिए गए आदेश को रद्द करते हैं। इसमें सुरक्षा मंजूरी देने से इनकार किया गया है।’’
याचिकाकर्ता डिजिटल रेडियो ब्रॉडकास्टिंग लि. दिल्ली और मुंबई अन्य शर्तों को पूरा कर ई -नीलामी में भाग ले सकती है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने नीलामी को एक घंटे तक भी टालने में असमर्थता जताई थी। मंत्रालय ने अदालत को यह भी बताया कि नीलामी में इस्तेमाल होने वाले साफ्टवेयर को फिर से संयोजित करने के लिए उसे 12 घंटे का समय चाहिए।
डिजिटल रेडिया ब्रॉडकास्ट को सन टीवी समूह के साथ उसके संबंधों के कारण सरकार ने सुरक्षा मंजूरी नहीं दी गयी थी क्यों कि सन टीवी के प्रमुख कलानिधि मारन और उनके भाई तथा पूर्व केंद्रीय दूरसंचार मंत्री दयानिधि के खिलाफ विभिन्न मामलों में कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
दिल्ली और मुंबई में सेवाएं दे रहे एफएम रेडियो ने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री दयानिधि मारन उससे किसी भी प्रकार से नहीं जुड़े हैं तथा उनके भाई कलानिधि की डिजिटल रेडियों में केवल अप्रत्यक्ष रूप से 21.6 प्रतिशत हिस्सेदारी है।