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जी के चैनल ‘जिंदगी’ और फिल्म गब्बर के डायरेक्टर को नोटिस

धारावाहिक ‘वक्‍़त ने किया क्‍या हसीं सितम’ और फिल्म ‘गब्बर’ विवादों के घेरे में आ गए हैं। धारावाहिक ‘वक्‍़त ने किया क्‍या हसीं सितम’ पर बीसीसीसी के अध्‍यक्ष मुकुल मुद्गल ने जी के ‘ज़िंदगी’ चैनल को एक सम्‍मन भेजकर इसके कंटेंट पर जवाब-तलब किया है। दर्शकों ने इस धारावाहिक पर ऐतराज़ जताया है। उधर, इंडियन मेडिकल असोसिएशन ने फिल्म गब्बर के डायरेक्टर को लीगल नोटिस भेजकर आपत्ति जताई है कि इसमें मेडिकल प्रफेशन को अपमानजनक और गलत रूप में दिखाया गया है।   

धारावाहिक ‘वक्‍़त ने किया क्‍या हसीं सितम’ और फिल्म ‘गब्बर’ विवादों के घेरे में आ गए हैं। धारावाहिक ‘वक्‍़त ने किया क्‍या हसीं सितम’ पर बीसीसीसी के अध्‍यक्ष मुकुल मुद्गल ने जी के ‘ज़िंदगी’ चैनल को एक सम्‍मन भेजकर इसके कंटेंट पर जवाब-तलब किया है। दर्शकों ने इस धारावाहिक पर ऐतराज़ जताया है। उधर, इंडियन मेडिकल असोसिएशन ने फिल्म गब्बर के डायरेक्टर को लीगल नोटिस भेजकर आपत्ति जताई है कि इसमें मेडिकल प्रफेशन को अपमानजनक और गलत रूप में दिखाया गया है।   

‘ज़िंदगी’ चैनल ने आधि‍कारिक बयान जारी करते हुए बीसीसीसी से नोटिस मिलने की बात मानी है। चैनल का कहना है कि हमने नोटिस पर अपनी प्रतिक्रिया भेज दी है और हम बीसीसीसी के सामने उन सारे कदमों को स्पष्ट करेंगे, जो हमने सेल्फ रेगुलेटरी गाइडलाइन्स और प्रोग्राम कोड का पालन करने के लिए उठाए हैं। विभाजन के मुद्दे को लेकर यह धारावाहिक नहीं बना, बल्‍कि‍ कुछ एपिसोड्स में इसकी पृष्ठभूमि ज़रूर है।

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इस धारावाहिक पर भारतीय सिख और हिंदुओं की नकारात्मक छवि दिखाने के आरोप हैं। धारावाहिक को टाइमलेस लव स्‍टोरी करार दिया गया था, लेकिन सूचना और प्रसारण मंत्रालय इसे महज़ प्रेम कहानी मानने को तैयार नहीं। मंत्रालय ने बीसीसीसी (ब्रॉडकास्‍ट कंटेंट कॉम्‍प्‍लेंट्स काउंसिल) को इसका कंटेंट देखने की हिदायत दी है। रज़ि‍या बट की क़ि‍ताब ‘बानो’ पर आधारित यह धारावाहिक पाकिस्‍तान में ‘दास्‍तान’ नाम से प्रसारित हो चुका है। 

उधर, इंडियन मेडिकल असोसिएशन ने फिल्म गब्बर के डायरेक्टर को लीगल नोटिस भेजकर फिल्म से उस सीन को हटाने की मांग की है जिसमें मेडिकल प्रफेशन को अपमानजनक और गलत रूप में दिखाया गया है। आईएमए ने इसके पहले अपने 2.50 लाख डॉक्टर सदस्यों को इस बारे में जागरूकता फैलाने के लिए फिल्म की क्लिप भेजी थी और अपने सभी सदस्यों को इस फिल्म का बहिष्कार करने के लिए कहा था।

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आईएमए के महासचिव डॉक्टर के. के. अग्रवाल ने कहा है कि इस फिल्म में मेडिकल प्रोफेशन को जिस तरह दिखाया गया है, उससे उन्हें काफी दुख हुआ है। फिल्म में एक अस्पताल के अंदर डॉक्टरों को भ्रष्ट काम करते हुए दिखाया गया है, जिसमें डॉक्टर अस्पताल लाए जाने से पहले मर चुके मरीज का इलाज कर रहे हैं।

आईएमए का कहना है कि अगर सेंसर बोर्ड, सूचना और प्रसारण मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय और गृह मंत्रालय ने कोई कार्रवाई नहीं की तो आईएमए फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन करेगी। इस सीन को हटाने तक फिल्म के शो पर बैन लगाया जाना चाहिए।

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0 Comments

  1. kAPIL

    May 14, 2015 at 12:39 pm

    z media k khilaaf khabro ko padhne k liye padhte rahe bhadasformedia…. whaaa…lagta hai z media me hi khabar milti hai bhadasformedia ko

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