Deepak Sharma : एस्सार ग्रुप की टैक्सी इस्तेमाल करने वाले तीन बड़े पत्रकारों को नौकरी छोडनी पड़ी है. लेकिन एस्सार ग्रुप का हेलीकाप्टर और याट इस्तेमाल करने वाले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी कुर्सी पर विराजमान हैं. एस्सार का फायदा लेने वाले दिग्विजय सिंह और श्री प्रकाश जायसवाल भी मजे में हैं. सवाल कॉर्पोरेट की टैक्सी और हेलीकाप्टर में बैठने का नहीं है. सवाल ये है कि जिन मीडिया समूह या राजनीतिक पार्टियों ने अपने फायदे के लिए कॉर्पोरेट का खुला इस्तेमाल किया है, वो क्या दूध के धुले हैं? क्या उनके खिलाफ एक शब्द भी नहीं लिखा जा सकता? क्या कॉर्पोरेट, मीडिया और राजनीति की ये तिकड़ी हर जगह लूटपाट नहीं कर रही है?
क्या ये तीनों मिलकर बहुत सी सचाईयों को देश से छुपाते नहीं आये हैं? क्या इस तिकड़ी के आगे देश ने घुटने नहीं टेक दिए हैं? मित्रों सवाल, एस्सार, रिलायंस या अडानी के जहाज में उड़ने फिरने का नहीं है. सवाल इससे ज्यादा गंभीर है. क्या हमें कोई बताएगा कि अडानी की एक कम्पनी के करोड़ों रुपए किस हिंदी न्यूज़ चैनल में लगे हैं. और, अडानी के इस निवेश का अभिप्राय क्या है? किस न्यूज़ चैनल समूह ने ICICI बैंक के साथ मिलकर शेयर का बड़ा घपला किया है. और, इस न्यूज़ चैनल के खिलाफ वित्त मंत्रालय ने फाइल अब तक क्यूँ नहीं खोली है. कोयला घोटाले में किस मीडिया समूह के शेयर होल्डर फंसे हैं और किसने इस शेयर होल्डर को क्लीन चिट दी थी. अंग्रेजी का कौन सा न्यूज़ चैनल ईडी की जांच में फंसा है. और, ये जांच क्यूँ दबाई जा रही है. मेरे पास ऐसी तोहमतों और इलजामों की लम्बी फेहरिस्त है.
मित्रों, इंतज़ार कीजिये देश की जनता के स्वामित्व वाले पहले पब्लिक मीडिया ट्रस्ट का. इंतज़ार कीजिये दूध का दूध और पानी का पानी होते देखने का. इंतज़ार कीजिये इंडिया संवाद का. फिर वही चार लाइन दोहरा रहा हूँ.
जो यकीन के काबिल हो
ऐसा आयना बनाना है
हमारी मदद कीजिये
हमे सच दिखाना है…
वरिष्ठ पत्रकार दीपक शर्मा के फेसबुक वॉल से.
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Comments on “एस्सार के ‘रिश्तेदार’ तीन पत्रकारों की नौकरी गई, लेकिन ‘बड़े वाले रिश्तेदार’ नितिन गडकरी का मंत्री पद बरकरार”
Bhai AAP Ke Ashish khaitan aapka jamai lagta hai kya? Nam nahi dikh raha uska? Internal lokpal Ne pas kar diya kya?