मीडिया के मालिकान अपने पत्रकारों की लेखनी पर दबाव बढ़ाते चले जा रहे हैं : अविनाश प्रधान

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ग़ाज़ीपुर के कलमकारों ने मनाया हिंदी पत्रकारिता दिवस

गाजीपुर। हिंदी पत्रकारिता दिवस का आयोजन गाजीपुर पत्रकार एसोसिएशन के तत्वाधान में कचहरी स्थित पत्रकार भवन में किया गया। मंगलवार को कार्यक्रम में सर्वप्रथम मां सरस्वती के चित्र पर अध्यक्ष विनोद कुमार पाण्डेय व मंत्री देवब्रत विश्वकर्मा सहित वरिष्ठ पत्रकारों ने माल्यापर्ण किया।

30 मई हिंदी पत्रकारिता दिवस पर उपस्थित वरिष्ठ पत्रकार अविनाश प्रधान ने हिंदी के प्रथम समाचार पत्र ’उदन्त मार्तण्ड’ से लेकर आज के पत्रकारिता में विश्वनीयता में आयी कमी पर गहरा संकट व्यक्त करते हुए कहा कि आज पाठक समाचार पत्र में प्रकाशित समाचार को पढ़ कर उसकी विश्वनीयता के लिए दूसरे माध्यमों से प्रमाणीकरण करता है जो आज की पत्रकारिता के लिए बड़ा संकट है।

एक दौर था जब हिंदी समाचार पत्र में जो छप गया वह मानक माना जाता था। आज छपी खबरों को मानक नहीं माना जाता। अखबारों में अशुद्धियों के चलते कोई अभिभावक अब बच्चों को अखबार पढ़ने को नहीं कहता है। आज भाषा व लेखनी में कमी आती जा रही है क्योंकि लेखन क्षमता का ह्रास होता जा रहा है।

मालिकान पत्रकारों की लेखनी पर दबाब बढ़ाते चले जा रहे हैं। मालिक संसाधन में कमी कर अधिक से अधिक लाभ कमाना चाहता है जिससे गुणवत्ता में कमी आ रही है।

अखबार के एक पत्रकार से कई काम लिया जा रहा है। पत्रकार चाह करके भी सच्चाई नहीं लिख पाता है। उसकी खबरें उपर से काट दी जाती हैं। इसके बावजूद उम्मीद कायम है। गांधी के अनुसार हमारी पत्रकारिता समाज के अन्तिम व्यक्ति तक कायम रहेगी तो हमारी पत्रकारिता सदा बनी रहेगी।

पत्रकारिता में स्किल डेवलप कर उसे सुधारा जा सकता है जिससे अखबारों के समाचारों पर विश्वनीयता कायम रहे।

पत्रकार चन्द्र कुमार तिवारी ने सन् 1826 में हिंदी समाचार पत्र उदन्त मार्तण्ड के प्रकाशन से लेकर आज के प्रकाशन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि पत्रकारिता ने दिनो दिन विकास किया। 1826 की पत्रकारिता से लेकर आज तक की पत्रकारिता में बड़ा परिवर्तन हुआ है। तकनीक बदलती गयी। पत्रकारिता का स्वरूप बदलता गया। समाज में मार्गदर्शक का काम करने वाले पत्रकारो से आमजन में आशा बनी रहती है।

वरिष्ठ पत्रकार अनिल उपाध्याय ने पत्रकारो में एक निश्चित मापदण्ड अपनाये जाने पर बल दिया जिससे समाज के बीच काम करने वाले पत्रकारो को इसका ज्ञान रहे और लेखनी में आ रहे गिरावट पर रोक लगायी जा सके।

पत्रकार निशित सिंह ने पत्रकारो के देवता नारद को याद करते हुए बताया कि प्राचीन काल से नारद जी समाज कल्याण के लिए संदेशो का आदान प्रदान कर संतुलन कायम रखने का काम करते रहे हैं वही आज के पत्रकारो का भी दायित्व है कि वह समाज में संतुलन कायम रखे।

वक्ताओ के क्रम में अभिषेक सिंह, रविकान्त पाण्डेय, प्रमोद श्रीवास्तव, आशुतोष त्रिपाठी, शिव कुमार कुशवाहा, विनोद गुप्ता, रामजनम कुशवाहा, राजेश सिंह, प्रमोद यादव, चंद्रमौली पाण्डेय, प्रभाकर सिंह, प्रदीप शर्मा, अमरजीत राय आदि ने अपने अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का संचालन मंत्री देवब्रत विश्वकर्मा व अध्यक्षता विनोद कुमार पाण्डेय ने किया।

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