कुरुक्षेत्र के तीन पत्रकारों ने लौटाए सरकारी उपहार
कुरुक्षेत्र, 13 नवंबर : अपनी कलम से बड़े बड़ों को धाराशायी व बड़े बड़े घोटालों का खुलासा करने वाले पत्रकारों को क्या हो गया है? जब भी पत्रकारों की भावनाओं से खिलवाड़ होता है तो पत्रकार की अंतर्रात्मा क्यों सो जाती है? आम जनता की आवाज उठाने वाला उसे हक दिलवाने की लड़ाई लडऩे वाला पत्रकार कहां सो गया है, कहां गुम हो गया है, पता नहीं, लेकिन एक बात तय है कि अब हद हो गई और अब अपना अस्तित्व और जमीर बचाने के लिए मैं तो लड़ाई लड़ूंगा।
जिला लोकसंपर्क विभाग कुरुक्षेत्र ने चांदी के सिक्के बांटे, जिन पर रानी विक्टोरिया व जार्ज पंचम की फोटो छपी हुई हैं, लेकिन चुनिंदा पत्रकारों ने सरकारी उपहार लेने से न केवल मना किया, बल्कि इस बात का भी विरोध किया कि एक तरफ तो सरकार ईमानदारी का पाठ पढ़ाती है और जीरो टालरेंस की बात हर मंच पर कहते नहीं थकती तो अपने ऊपर क्यों ये बातें सरकार लागू नहीं करती। इसीलिए दीपावली के उपलक्ष्य में पहली बार नई नवेली हरियाणा की भाजपा सरकार ने मान्यता प्राप्त पत्रकारों को उपहार भेजे। उपहार भेजने के पीछे सरकार की मंशा क्या थी, अभी समझ से परे है। उपहार जिला लोकसंपर्क विभाग कार्यालय द्वारा बांटे गए। उपहार देते समय विभाग के कर्मचारी ने पत्रकारों से हस्ताक्षर करने को भी कहा। जिन कार्यालयों में पत्रकार उपलब्ध नहीं थे, उन समाचार पत्र के कार्यालयों में जो भी मिला, उनसे हस्ताक्षर करवाए गए। सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि वह पत्रकारों को किस इरादे से उपहार दे रही थी। अगर जिला प्रशासन ही ऐसे करेगा तो बाकियों से क्या उम्मीद की जाएगी।
यहां यह भी गौरतलब है कि जो उपहार बांटे गए, उन पर विदेशी फोटो थे। जब दीपावली के उपलक्ष्य में रानी विक्टोरिया व जार्ज की फोटो वाले चांदी के सिक्के भेंट किए गए तो कुरुक्षेत्र के कई मान्यता प्राप्त पत्रकारों ने सरकार का यह गिफ्ट लेने से इन्कार कर दिया और इस बात का भी विरोध जताया कि क्या सरकार पत्रकार की लेखनी को रोकना चाहती है या पत्रकार को अपना पिछलगू बनाना चाहती है। एक तरफ तो हरियाणा के मुख्यमंत्री अपने अधिकारियों को उपहार लेने व देने से रोकती है, वहीं दूसरी ओर खुद सरकारी अधिकारी ये घिनौना काम करते हैं।
पत्रकारों में इस बात का रोष है कि स्वदेशी का नारा लगाने वाली सरकार को क्या हो गया कि हिंदुओं के पर्व पर विदेशियों की फोटो वाले सिक्के बाटने की नौबत आ गई। अगर सरकार ने समय रहते इस बात की जांच नहीं करवाई कि विदेशी रानी की फोटो वाले सिक्के क्यों बांटे गए तो मामला तूल पकड़ सकता है। यही नहीं हरियाणा के मुख्यमंत्री के आदेश उनके मंत्री, सांसद व विधायक ने भी नहीं माने। जिले के पत्रकारों को खुलेआम उपहार बांटे गए। यही नहीं इन राजनेताओं के समर्थकों ने पत्रकारों के मोबाइल पर फोन करके उनकी लोकेशन जाननी चाही कि पत्रकार कहां पर मिलेगा या फिर उनका उपहार कहां पर पहुंचाया जाए। क्या ये रिश्वत का मामला नहीं बनता। जिन राजनेताओं व अधिकारियों ने ऐसा कार्य किया है, सरकार उनके खिलाफ क्या कार्रवाई करेगी या फिर पिछली सरकारों की तरह मामले की जांच का आश्वासन देकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।
लेखक पंकज अरोड़ा कुरुक्षेत्र में पत्रकारिता के क्षेत्र में पिछले दो दशक से सक्रिय हैं. उनसे संपर्क उनके मोबाइल नंबर 9812100016 के जरिए किया जा सकता है.
भाजपा की हरियाणा सरकार की तरफ से पत्रकारों को भिजवाए गए चांदी के सिक्कों को देखने के लिए अगले पेज पर जाने हेतु नीचे क्लिक करें>
Vinay
November 15, 2015 at 7:32 am
good good, keep it up