अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश पांडेय ने दिवाली के दिन महाकवि नीरज के आवास पर पहुंचे और उनके साथ त्योहार की खुशियां साझा की. इस मौके पर पदम भूषण नीरज ने कुछ कविताओं की चंद लाइनें भी सुनाईं. इस मुलाकात के बारे में तफसील से राजेश पांडेय ने जो कुछ बताया, वह यूं है …
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लक्ष्मी का बहिर्गमन नियंत्रित हो
स्वतंत्रता-प्राप्ति से पूर्व हमारे देशवासियों ने भावी भारत के रूप में सशक्त और समृद्ध राष्ट्र का सपना देखा था। उन्हें विश्वास था कि अंग्रेजों की दासता से मुक्ति मिलते ही हम भारतीयों का ‘स्वराज्य’ स्वावलम्वन से सशक्त और सम्पन्न बनकर ‘सुराज’ की स्वार्णिम कल्पनाएं साकार करेगा। प्रख्यात सुकवि-नाटककार जयशंकर प्रसाद कृत ‘चन्द्रगुप्त’ नाटक के निम्नांकित गीत में इस जनभावना की अनुगूँज दूर तक सुनाई देती है-
‘हिमाद्रि तुंग श्रृंगसे, प्रबुद्ध शुद्ध भारती
स्वयंप्रभा समुज्ज्वला, स्वतंत्रता पुकारती।
आइए, सच्ची दिवाली मनाएं, मन के अंधेरे घटाएं
दिवाली में दिए ज़रूर जलाएं, लेकिन खुद के दिलो-दिमाग को भी रोशन करते जाएं. सहज बनें, सरल बनें, क्षमाशील रहें और नया कुछ न कुछ सीखते-पढ़ते रहें, हर चीज के प्रति संवेदनशील बनें, बने-बनाए खांचों से उबरने / परे देखने की कोशिश करें, हर रोज थोड़ा मौन थोड़ा एकांत और थोड़ा ध्यान जरूर जिएं.
इन अखबारों और चैनलों ने नहीं दिया अपने कर्मचारियों को बोनस
मुंबई : जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशों के तहत मीडियाकर्मियों का जितना एरियर बना, उसे डकार चुके कई अखबारों के मालिकों ने अब अपनी कई यूनिटों में कर्मचारियों का बोनस का पैसा भी हजम कर लिया और उन्हें एक ढेला तक बोनस के नाम पर नहीं दिया। बोनस न देने वालों में कुछ चैनलों का नाम भी सामने आ रहा है जिनमें टाइम्स नाऊ और इंडिया न्यूज़ भी शामिल है. सूत्रों के हवाले से मिली खबर के मुताबिक टाइम्स नाऊ और जूम ने मुम्बई के अपने कर्मचारियों को इस बार दीपावली पर बोनस नहीं दिया. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से खबर है कि यहाँ इंडिया न्यूज़ ने अपने कर्मचारियों को बोनस नहीं दिया।
दीपावली सांग के लिए इस स्कूल प्रेयर से भला अच्छा क्या हो सकता है (सुनें)
Yashwant Singh : दिवाली सांग… मेरठ में मेरे एक मित्र हैं Vishal Jain जी. कई स्कूलों के संचालक हैं. खुद काफी इन्नोवेटिव हैं. नया नया खोजते रचते रहते हैं. इन्होंने अपने स्कूल प्रेयर के लिए अदभुत गीत तैयार कराया है. सुबह सुबह इनके स्कूलों में जो प्रार्थना बच्चे गाते हैं, उसे सुनकर खुद ब खुद बच्चों संग गाने का मन करने लगता है.
सूरत के हीरा व्यापार की हकीकत भी जान लीजिए
Prakash K Ray : सूरत के हीरा कारोबारी सावजी भाई ढोलकिया ने फिर अपने कर्मचारियों को कार और मकान दिवाली बोनस के रूप में दिया है. ढोलकिया ने इस बार 400 फ्लैट और 1,260 कारें कर्मचारियों गिफ्ट की हैं. साल 2014 में ढोलकिया ने 1300 से ज्यादा कर्मचारियों को कार, मकान और ज्वैलरी दी थी. साल 2015 ढोलकिया ने 491 कारें और 200 फ्लैट गिफ्ट किए थे. यह उपहार पाने वालों में अनेक का वेतन तो सिर्फ दस हज़ार है. सूरत के इस हीरा व्यापारी द्वारा अपने कर्मचारियों को घर और कार बाँटने की ख़बर सोशल मीडिया पर ख़ूब चल रही है.
कई चैनलों के स्ट्रिंगर के घर नही जलेंगे दीपावली पर चूल्हे!
मीडिया की रीढ़ कहे जाने वाले स्ट्रिंगरों के घर दीपावली का जश्न फीका होने की आशंका है। मिली जानकारी अनुसार कई चैनल पहले से ही घाटे में हैं। उनके पास स्ट्रिंगर्स को देने लिए आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं है। इसमें कुछ चैनल ऐसे हैं जो मीडिया इंडस्ट्री में कई सालों से स्थापित है और कुछ हाल हीमें उभरे हैं। लेकिन सबसे खास बात यह कि सभी चैनल जनता के सामने अपने को सबसे आगे बताने काम करते हैं। कुछ चैनल उस कतार में शामिल हैं जो आज भी 90 रुपए से 150 रुपए ही भुगतान करते हैं। ऐसे में स्ट्रिंगर बड़ी मुश्किल से 3000 रुपए प्रति माह ही कमा पाता है।
हरियाणा के सीएम ने पत्रकारों को विदेशी रानी के फोटो वाले चांदी के सिक्के भिजवाए, सबसे साइन करवाए
कुरुक्षेत्र के तीन पत्रकारों ने लौटाए सरकारी उपहार
कुरुक्षेत्र, 13 नवंबर : अपनी कलम से बड़े बड़ों को धाराशायी व बड़े बड़े घोटालों का खुलासा करने वाले पत्रकारों को क्या हो गया है? जब भी पत्रकारों की भावनाओं से खिलवाड़ होता है तो पत्रकार की अंतर्रात्मा क्यों सो जाती है? आम जनता की आवाज उठाने वाला उसे हक दिलवाने की लड़ाई लडऩे वाला पत्रकार कहां सो गया है, कहां गुम हो गया है, पता नहीं, लेकिन एक बात तय है कि अब हद हो गई और अब अपना अस्तित्व और जमीर बचाने के लिए मैं तो लड़ाई लड़ूंगा।
दीपावली बोनस 5 रुपये की माजा बोतल!
पंजाब केसरी अखबार में पैसे बचाने के लिए एक से बढकर एक नायाब नुस्खे आजमाये जा रहे हैं। जालंधर से प्रकाशित होने वाले पंजाब केसरी ने जब इस बार अपने कर्मियों को दीपावली पर शगुन देने की बात कही तो कर्मचारियों की बांछे खिल गयी। देश भर के कार्यालयों में जब सगुन पहुंचा तो कर्मियों ने समझा कि पता नहीं क्या भेजा है। निकला बाबा जी का ठुल्लू। माजा की बोतल। हो गयी इति श्री। जालंधर कार्यालय से लेकर पूरे देश में पंजाब केसरी के अधिकत न्यूज एजेंटों की संख्या असंख्य है, लेकिन यह दिया भी उन्हीं को दिया गया जो कटिंग के आधार पर कार्य नहीं कर रहे हैं।
पांच हजार रुपये के विज्ञापन के लिए जब अखबार के दो कर्मी आपस में भिड़ गए….
विज्ञापन को लेकर मारामारी में पत्रकार भी अपनी हदें पार कर रहे हैं। उत्तराखंड के पौड़ी में एक बड़े अखबार के प्रभारी का एक कारनामा चर्चा का विषय बना हुआ है। नगर पालिका पौड़ी ने हिन्दुस्तान अखबार के लिए पांच हजार रुपये का विज्ञापन जारी किया। नियमानुसार विज्ञापन प्रतिनिधि के पास यह विज्ञापन पहुंच गया। विज्ञापन के 15 प्रतिशत कमीशन के लालच में हिन्दुस्तान के पौड़ी प्रभारी ने पालिका अध्यक्ष पर दबाव बना कर इसे निरस्त करवा कर अपने नाम से आरओ जारी करा दिया।
श्री टाईम्स, लखनऊ के 30 पत्रकारों का दिपावली में निकला दिवाला
: लखनऊ के सैकड़ों पत्रकारों को पड़े वेतन के लाले : लखनऊ। राजधानी लखनऊ में हिंदी अखबार श्री टाईम्स के पत्रकारों का दिपावली का दिवाला निकल गया है। यह श्री टाइम्स अखबार की ही हालत नहीं बल्कि श्री न्यूज चैनल की भी दुर्दशा है। पत्रकारों का पिछले तीन से चार माह तक की तनख्वाह बकाया है। मगर अफसोस की बात कि उन्हें दिपावली के शुभ अवसर पर भी उनकी खुशियों को प्रबंधन द्वारा फीका करने का काम किया गया है। श्री टाईम्स अखबार की हालत यह कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिला ब्यूरो कार्यालय पर ताला लग गया है।
विनोद शर्मा की हार के कारण बिना सेलरी मनी ‘आज समाज’ अखबार के कर्मियों की दिवाली
चंडीगढ़। आज समाज अखबार के कर्मचारियों के लिए विधानसभा चुनाव आफत बन गया। हालात ये रहे कि आज समाज अखबार के मालिक विनोद शर्मा अंबाला सीट से हारे तो पत्रकारों को दिवाली पर सेलरी तक नहीं मिल पाई। पूरे ग्रुप में इस बात को लेकर तरह तरह की बातें हुईं। सूत्रों की मानें तो कंपनी के आला अधिकारियों ने इस बारे में मैनेजमेंट से बात की तो उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल पाया।
हेमलता अग्रवाल को मीडियाकर्मी दे रहे बददुवाएं, पैसा है नहीं तो चैनल काहें को ले आए?
कई लाला लोग ऐसे होते हैं जो केवल उगाही और साजिश के दम पर पैसा बटारने की ख्वाहिश रखते हैं और इसी मकड़जाल के सहारे अपना वेंचर आगे ला देते हैं. कुछ इन्हीं हालात में ‘भास्कर न्यूज‘ नामक चैनल आ रहा है जो आने को तो कई साल से आ रहा है लेकिन अभी तक टेस्ट सिगनल पर ही है. इस चैनल से खबर है कि यहां सेलरी संकट लगातार जारी है. इस चैनल में कार्यरत करीब सत्तर फीसदी लोगों को सेलरी नहीं मिली है.
क्यों मनाते हैं दिवाली?
शंभूनाथ शुक्ल : भाई Siddharth Kalhans ने पूछा है क्यों मनाते हैं दीवाली? मेरी मोटी बुद्धि में जो समाया है, वह यह है कि …
यह कविता उन सभी पत्रकार भाइयों के लिए जो दिवाली में घर नहीं जा पाए
यह कविता उन सभी पत्रकार भाइयों के लिए जो दिपावली में घर नहीं जा पाए… सेना, पुलिस, अस्पताल, फायर ब्रिगेड से जुड़े लोग भी घर नहीं जा पाते… ऐसे सभी लोगों के लिए ये कविता है, दिवाली के मौके पर….
करोड़ों-अरबों की आतिशबाजी रुपए के बंडलों पर आग लगा देने से अधिक कुछ नहीं
Chandan Srivastava : ‘मीडिया बकरीद पर भाषण नहीं झाड़ती, एक्टिविस्ट ईद पर जुबान नहीं खोलते, साल भर एसी का मजा उठाने वालों को दीवाली के पटाखों से ही नफरत है, ये हिन्दू धर्म पर हमला है.’ आपके ये सभी तर्क कहने-सुनने में चाहे जितने अच्छे लगते हों लेकिन इससे दीवाली के पटाखों पर होने वाली बर्बादी को नजरन्दाज नहीं किया जा सकता.