-गिरीश मालवीय-
जाने कौन सी अदृश्य ताकत है जो महेंद्र सिंह धोनी को भारत के सबसे बड़े हाउसिंग घोटाला में साफ साफ इनवॉल्व होने के बाद भी बचा कर ले जा रही है। हम बात कर रहे हैं आम्रपाली घोटाले की।
धोनी 2016 तक आम्रपाली ग्रुप के ब्रांड एंबेसेडर थे, लेकिन होम बायर्स के विरोध के बाद खुद को आम्रपाली से अलग कर लिया था। जब कोर्ट में केस सामने आया तो पता लगा कि उनकी पत्नी आम्रपाली ग्रुप की एक कम्पनी में पार्टनर भी थी। आम्रपाली माही डिवेलपर्स में साक्षी धोनी डायरेक्टर हैं।
पिछले साल सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त ऑडिटर्स ने अपनी फोरेंसिक रिपोर्ट में बताया था कि आम्रपाली ने रिति स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड और आम्रपाली माही डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ संदिग्ध तरीके से समझौते किए जिनमें धोनी जी की अर्धांगिनी साक्षी के बड़े स्टेक थे।
कोर्ट ने बताया कि आम्रपाली समूह की कंपनियों ने 2009 से 2015 के बीच 42.22 करोड़ रुपये रीति स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड को दिए। कुल रकम में से 6.52 करोड़ रुपये आम्रपाली सफायर डेवेलपर्स लिमिटेड ने चुकाए थे।
धोनी ने अपने बचाव में कोर्ट से कहा है कि मेरा आम्रपाली समूह पर 38.95 करोड़ रुपये बकाया है। इसमें से 22.53 करोड़ रुपये मूलधन है और 16.42 करोड़ रुपये ब्याज होगा। मूलधन के 18 प्रतिशत की सालाना दर ब्याज के रूप में जोड़ी गई है।
धोनी ने याचिका में बिल्डर के साथ के एग्रीमेंट की कॉपी भी अटैच की थी। पिछली सुनवाई 2020 जनवरी में रीति स्पोर्ट्स की तरफ से कोर्ट को यह बताया गया कि विभिन्न ब्रांड की विज्ञापन गतिविधियों के लिए चेक के जरिये पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी को 37 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।
यानी आम्रपाली वाले भी रीति स्पोर्ट्स वालो को पैसा दे रहे हैं, रीति स्पोर्ट्स वाले भी धोनी को पैसा दे रहे हैं तो भी धोनी साफ साफ संत महात्मा बने हुए हैं। कहा जा रहा कि उनका इस मामले में कोई रोल ही नहीं है। जब दबाव बढ़ता है तो मीडिया में उल्टी सीधी कहानियां चला दी जाती है कि उन्हें तो फैन धमकिया दे रहे हैं और जनता भी इतनी बेवकूफ है कि सब भूलकर उनके झाँसे में आ जाती है।
धोनी का कामकाज देखने वाली ऋति स्पोर्ट्स में खुद धोनी की बड़ी हिस्सेदारी है। 2013 तक ये फर्म धोनी के साथ सिर्फ 4 और क्रिकेटर्स को मैनेज करती थी। ये क्रिकेटर सुरेश रैना, रविंद्र जडेजा, प्रज्ञान ओझा और आर.पी. सिंह हैं। ये सब धोनी के फेवरेट माने जाते है।
आरपी सिंह तो उनके बहुत नजदीकी मित्र माने जाते थे। 2015 में सुरेश रैना रीति स्पोर्ट्स से हट गए।
बाद में रीति स्पोर्ट्स के पास सिर्फ धोनी का ही कामकाज बचा था। अभी भी वही कम्पनी धोनी के ब्रांड इंडोर्समेंट का कामकाज देख रही है।
पाठकों से अपेक्षा है कि स्वयं थोड़ी अक्ल लगाइए। भारत कई विश्व कप हार गया। लाखों करोड़ों क्रिकेट फैन बहुत नाराज हुए। जिन मैचों में हार के कारण भारत विश्व कप से बाहर हुआ उन मैचों में अनेक खिलाड़ियों ने गलतियां की। लेकिन किसी भी खिलाड़ी को ऐसी धमकी नही दी गयी जैसी धोनी की फैमिली को दो कौड़ी के आईपीएल मैच में खराब परफॉर्मेंस करने पर तथाकथित रूप से दी गयी, जिसका इतना बड़ा इश्यू बना दिया गया।
यह सब जानबूझकर किया जाता है और इसलिए किया जाता है क्योंकि धोनी एंड कम्पनी के पक्ष में पब्लिक सिंपेथी ज्यादा से ज्यादा बटोरी जा सके।
विश्लेषक गिरीश मालवीय की एफबी वॉल से।