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एक निदेशक के पिता आरएसएस के सदस्य थे इसलिए चैनल खोलने का प्रस्ताव यूपीए सरकार ने खारिज कर दिया : जावड़ेकर

नई दिल्ली : केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने आज कहा कि यूपीए शासन में आपातकालीन मानसिकता बनी रही और उसने देश में मीडिया की आजादी पर अकुंश लगाया. जावडेकर ने यहां एक कार्यक्रम के अवसर पर संवाददाताओं से कहा, सूचना एवं प्रसारण मंत्री बनने के बाद मैं अपने मंत्रालय की लंबित फाइलों की समीक्षा कर रहा था. मैंने पाया कि कई टीवी चैनलों को अपना काम शुरू करने की अनुमति मिल गयी लेकिन एक प्रस्ताव खारिज कर दिया गया. मैंने कारण पता लगाने के लिए गृहमंत्रालय की रिपोर्ट देखी…. मैं यह देखकर स्तब्ध रह गया कि चैनल का प्रस्ताव इसलिए अस्वीकार कर दिया गया क्योंकि एक निदेशक के पिता आरएसएस के सदस्य थे.

<p>नई दिल्ली : केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने आज कहा कि यूपीए शासन में आपातकालीन मानसिकता बनी रही और उसने देश में मीडिया की आजादी पर अकुंश लगाया. जावडेकर ने यहां एक कार्यक्रम के अवसर पर संवाददाताओं से कहा, सूचना एवं प्रसारण मंत्री बनने के बाद मैं अपने मंत्रालय की लंबित फाइलों की समीक्षा कर रहा था. मैंने पाया कि कई टीवी चैनलों को अपना काम शुरू करने की अनुमति मिल गयी लेकिन एक प्रस्ताव खारिज कर दिया गया. मैंने कारण पता लगाने के लिए गृहमंत्रालय की रिपोर्ट देखी.... मैं यह देखकर स्तब्ध रह गया कि चैनल का प्रस्ताव इसलिए अस्वीकार कर दिया गया क्योंकि एक निदेशक के पिता आरएसएस के सदस्य थे.</p>

नई दिल्ली : केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने आज कहा कि यूपीए शासन में आपातकालीन मानसिकता बनी रही और उसने देश में मीडिया की आजादी पर अकुंश लगाया. जावडेकर ने यहां एक कार्यक्रम के अवसर पर संवाददाताओं से कहा, सूचना एवं प्रसारण मंत्री बनने के बाद मैं अपने मंत्रालय की लंबित फाइलों की समीक्षा कर रहा था. मैंने पाया कि कई टीवी चैनलों को अपना काम शुरू करने की अनुमति मिल गयी लेकिन एक प्रस्ताव खारिज कर दिया गया. मैंने कारण पता लगाने के लिए गृहमंत्रालय की रिपोर्ट देखी…. मैं यह देखकर स्तब्ध रह गया कि चैनल का प्रस्ताव इसलिए अस्वीकार कर दिया गया क्योंकि एक निदेशक के पिता आरएसएस के सदस्य थे.

जावड़ेकर ने कहा कि देश में 16 करोड़ घरों में टीवी है लेकिन टीआरपी मापने के लिए केवल आठ हजार से लेकर नौ हजार पीपुल मीटर ही लगाए गए हैं. सिर्फ इतने पीपुल मीटरों से सही टीआरपी नापना कैसे संभव है.

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उन्होंने 1975 में इंदिरा गांधी सरकार द्वारा लगाए गए आपातकाल के दौरान मीडिया की आजादी पर अंकुश की चर्चा करते हुए कहा, आपातकाल की मानसिकता (यूपीए काल में) बनी रही. आरएसएस कोई आतंकवादी संगठन नहीं बल्कि एक ऐसा स्कूल है जो राष्ट्रभक्ति का पाठ पढ़ाता है.

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0 Comments

  1. Dr. Yogesh

    June 24, 2014 at 5:53 am

    very true

  2. sandip shrivastava

    September 10, 2014 at 2:39 am

    # 🙄 ** Bharat mata ki jai ab acche din aa gaye.

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