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ये बात तय है कि इंदौर प्रेस क्लब ख़तरे में है!

7 अगस्त, 2016 दिन रविवार को प्रात: 9.00 से 04.00 बजे तक इंदौर प्रेस क्लब का भविष्य तय होगा. इस चुनाव में दबंग दुनिया अखबार के मालिक और गुटखा किंग नाम से कुख्यात किशोर वाधवानी भी चुनाव लड़ रहे हैं, अध्यक्ष पद के लिए. उनके अखबार में काम करने वाले पत्रकार अपने मालिक के लिए जमकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं. इंदौर प्रेस क्लब के चुनाव को लेकर एफबी पर पत्रकार तरुण व्यास ने एक पोस्ट साझा की है, जिसमें उन्होंने आशंका व्यक्त की है कि इंदौर प्रेस क्लब खतरे में है. आइए देखें तरुण ने क्या लिखा है…

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7 अगस्त, 2016 दिन रविवार को प्रात: 9.00 से 04.00 बजे तक इंदौर प्रेस क्लब का भविष्य तय होगा. इस चुनाव में दबंग दुनिया अखबार के मालिक और गुटखा किंग नाम से कुख्यात किशोर वाधवानी भी चुनाव लड़ रहे हैं, अध्यक्ष पद के लिए. उनके अखबार में काम करने वाले पत्रकार अपने मालिक के लिए जमकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं. इंदौर प्रेस क्लब के चुनाव को लेकर एफबी पर पत्रकार तरुण व्यास ने एक पोस्ट साझा की है, जिसमें उन्होंने आशंका व्यक्त की है कि इंदौर प्रेस क्लब खतरे में है. आइए देखें तरुण ने क्या लिखा है…

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Tarun Vyas : इंदौर प्रेस क्लब के चुनाव को लेकर इस बार जो नंगा नाच शहर के पत्रकारों ने किया है और जो अब भी जारी है उसके लिये कोई शब्द नहीं हैं। प्रेस क्लब की कुर्सी पर बैठने के लिये ऐसे ऐसे करतब और हथकंडे आज़माए जा रहे हैं कि पूछिए मत। प्रेस क्लब की कई एजीएम में नैतिकता और आदर्श पत्रकारिता के लिए बुक्का फ़ाड़कर रोने वाले सब पाले बदल चुके हैं। किसी को इधर से लात पड़ी है तो किसी उधर से लात पड़ी है। नैतिकता ईमानदारी और पत्रकारों के लिये बेतुकी योजनाओं के झूठे वादे करने वालों पर हंसी भी आ रही है दुख भी हो रहा है। बेशर्मों को अपने ही साथियों से झूठ बोलते हुए ज़रा भी लाज नहीं आ रही है। इस बार की लड़ाई में ये बात तय है कि इंदौर प्रेस क्लब ख़तरे में है। प्रेस क्लब के सदस्य जो वाकई “पत्रकार” हैं ये उनके ही हाथों में हैं कि प्रेस क्लब को कैसे बचाया जाए। सोशल मीडिया पर भी प्रेस क्लब चुनाव में अलग अलग पद के दावेदार अपने प्रचार प्रसार में जमकर लगे हुए हैं। मन कर रहा है कि एक दो को उनकी पोस्ट पर जाकर ही ठोक दूं। ख़ैर मुझे जो करना है वो तो मैं कर ही दूंगा मगर मेरी भी मेरे सभी पत्रकार साथियों से एक दरख़्वास्त है कि इस बार अपने पराए और प्रेस क्लब की गुटबाज़ी को को वोट मत देना, इस बार प्रेस क्लब को प्रेस क्लब के लिये वोट देना।

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