ये बात तय है कि इंदौर प्रेस क्लब ख़तरे में है!

7 अगस्त, 2016 दिन रविवार को प्रात: 9.00 से 04.00 बजे तक इंदौर प्रेस क्लब का भविष्य तय होगा. इस चुनाव में दबंग दुनिया अखबार के मालिक और गुटखा किंग नाम से कुख्यात किशोर वाधवानी भी चुनाव लड़ रहे हैं, अध्यक्ष पद के लिए. उनके अखबार में काम करने वाले पत्रकार अपने मालिक के लिए जमकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं. इंदौर प्रेस क्लब के चुनाव को लेकर एफबी पर पत्रकार तरुण व्यास ने एक पोस्ट साझा की है, जिसमें उन्होंने आशंका व्यक्त की है कि इंदौर प्रेस क्लब खतरे में है. आइए देखें तरुण ने क्या लिखा है…

इंदौर प्रेस क्लब के स्थापना दिवस पर पत्रकारों का सम्मान

इंदौर। अस्सी का दशक प्रिंट मीडिया और नब्बे का दशक इलेक्ट्रानिक मीडिया के लिए स्वर्णिम काल रहा। अब पत्रकारिता अंधी सुरंग से गुजर रही है, लेकिन उम्मीद की किरण अभी भी बाकी हैं। यह उदगार राज्यसभा टेलीविजन के संपादक और वरिष्ठ पत्रकार राजेश बादल ने व्यक्त किए। श्री बादल इंदौर प्रेस क्लब के 54वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एक समय में इंदौर पत्रकारिता का गढ़ रहा। इंदौर से राहुल बारपुते, प्रभाष जोशी और राजेंद्र माथुर जैसे मूर्धन्य संपादकों ने पत्रकारिता की एक ऐसी पीढ़ी तैयार की जिसने देशभर में इंदौर घराने का नाम रोशन किया।

इंदौर प्रेस क्लब के खिलाफ कुर्की के आदेश जारी

इंदौर के अष्टम अपर जिला न्यायाधीश ने इंदौर प्रेस क्लब के खिलाफ 16 लाख 37000 हज़ार रुपए की डिक्री के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने ये आदेश शरदचंद जैन की और से दायर मामले पर दिए हैं। मामले के मुताबिक शरदचंद जैन ने अपनी फर्म ‘सुदर्शन टीवी चैनल’ के ऑफिस के लिए इंदौर प्रेस क्लब के प्रस्तावित बहुमंजिला भवन में तीन प्रकोष्ठों के लिए 13 नवंबर 2010 से मई 2011 के बीच 12 लाख रुपए का भुगतान किया था। बाद में शरदचंद जैन को पता चला कि इंदौर प्रेस क्लब ने उक्त भवन का निर्माण अवैध रूप से किया है। जमीन प्रेस क्लब की नहीं है। भवन निर्माण के नक़्शे को भी इंदौर नगर निगम ने अनुमति नहीं दी है और प्रेस क्लब ने अन्य जरूरी अनुमतियाँ भी विभिन्न विभागों से प्राप्त नहीं की है। 

जमीन घोटालेबाज प्रफुल्ल सकलेचा और मिठाई दुकानदार पंकज शर्मा को इंदौर प्रेस क्लब की सदस्यता दिलाने की तैयारी!

इंदौर प्रेस क्लब में इंदौर के कुल पत्रकारों से दोगुना ज्यादा सदस्य हैं। इस मामले को लेकर कई बार विवाद भी हो चुका है। जब भी प्रेस क्लब के चुनाव आते हैं, नए सदस्यों की भर्ती शुरू हो जाती है। ये सदस्य जरूरी नहीं कि पत्रकार हों। इंदौर के करीब सभी छुटभये नेता, जमीन के घोटालेबाज और दलाल टाइप के लोग भी प्रेस क्लब के सदस्य हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि इसकी आड़ में कुछ धंधेबाज पत्रकार भी पैदा हो गए हैं, जो सदस्य बनाने के नाम पर वसूली करने से बाज नहीं आते।