गिरीश मालवीय-
अगर आप सोच रहे हैं कि देश में 5 जी टेक्नोलोजी आम उपभोक्ता की सुविधा के लिऐ लाई गई है तो आप बिल्कुल गलत ट्रैक पर है।
IOT यानी इंटरनेट ऑफ थिंग्स इस चीज के बारे में पढ़ना, समझना और जानकारी जुटाना शुरू कर दीजिए यदि आप जानना चाहते है कि 5जी आखिर चीज क्या है।
सबसे महत्वपूर्ण बात आप पहले समझिए कि
अभी तक हम इंटरनेट का प्रचलन ह्यूमनटू टू ह्यूमन इंटरनेट (Human to Human Internet) के रूप में है लेकिन अब 5जी के साथ दुनिया मशीन से मशीन संचार (एम 2 एम)(Machine to Machine communication (M2M)) के साथ आगे बढ़ रही है।
जब इन्टरनेट की शुरूआत हुई तो मूल रुप से इसे मनुष्यों के बीच संपर्क का साधन ही माना गया, ईमेल, चैट रूम और मैसेंजर आदि इसके रूप बने, हम कंप्यूटर की शब्दावली में कह सकते हैं कि मनुष्य अन्य दिमागों को संसाधित करने के लिए जानकारी या सिर्फ कच्चा डेटा इनपुट करते थे। लेकिन अब इंटरनेट ऑफ थिंग्स आ गया है इसमें हम मशीनों के द्वारा ही इनपुट देते हैं मशीनों द्वारा ही इन्फॉर्मेशन के प्रोसेसिंग की जाती हैं जिसे मशीन ही समझती है।
इंटरनेट ऑफ थिंग्स के अंतर्गत एक ही डिवाइस आपके घर, किचन आदि में मौजूद अन्य डिवाइसेज को कमांड देता है। इस तरह से एक डिवाइस को इंटरनेट के साथ लिंक कर के बाकी डिवाइसेज से अपने अनुसार कुछ भी कार्य करवाया जा सकता है। जैसे कि एक कार बीमा कंपनी अपने पालिसी धारकों को सेंसर के माध्यम से किसी ऐसे क्षेत्र में बढ़ने से रोक/चेतावनी दे सकती है, जहां चक्रवात या कोई और आपदा आने की आशंका हो।आपके घर पहुंचने से पहले आपके कमरे का एसी (AC) ऑन हो सकता है आपका रेफ्रिजरेटर वॉलमार्ट को खत्म हो गयी किराने के सामान के बारे में संदेश भेज सकता है।
दुनिया भर में करीब 1200 करोड़ उपकरण IOT के अंतर्गत आते हैं. माना जा रहा है कि आने वाले समय से ये संख्या इस समय की संख्या से 26 गुना बढ़ जाएगी…… भारत में रिलायंस जियो इंफोकॉम अपने नैरोबैंड इंटरनेट ऑफ थिंग्स (NBIoT) प्लेटफॉर्म पर कम से कम एक अरब डिवाइसेज को कनेक्ट करने की बात कर रही है।
जारी….