लाकडाउन और कोरोना के बहाने दैनिक जागरण प्रबंधन ने ब्रांड डिपार्टमेंट के 38 लोगों को साल भर से जबरन घर बिठा रखा है. इन लोगों को कोरोना बाद आफिस में वापसी कराने का आश्वासन दिया गया था लेकिन ये आश्वासन फर्जी साबित हुआ. दैनिक जागरण प्रबंधन ने साजिश के तहत इनकी नौकरी ले ली है, ऐसा माना जा रहा है.
घर बिठाए गए बहुत सारे लोग काम पर लौटने के लिए वरिष्ठों को फोन करते हैं लेकिन अब न तो कोई फोन उठाता है और न ही मेल का जवाब देता है. अगर कोई गलती से फोन उठा भी लेता है तो कंपनी के घाटे में होने का हवाला देकर फोन काट देता है.
वहीं पता चला है कि कंपनी ने प्राफिट शो किया है और कार्यरत लोगों को इनक्रीमेंट-बोनस वगैरह भी दिया है. लेकिन घर बिठाए गए लोगों से पल्ला झाड़ने के लिए कंपनी के घाटे में होने का बहाना बनाया जा रहा है.
करीब साल भर से घर बैठे हुए हुए ब्रांड डिपार्टमेंट के लोगों को सेलरी तक नहीं मिल रही है. ये लोग आज भी जॉब पर वापस रखे जाने का इंतजार कर रहे हैं.
सेलरी की बावत पूछने पर प्रबंधन के लोग कहते हैं कि रिजाइन दे दो, सेलरी ले लो.
ब्रांड डिपार्टमेंट के घर बिठाए गए लोगों में नोएडा, पंजाब समेत देश भर के कुल 38 कर्मचारी हैं.
देखें लिस्ट-
ये वही दैनिक जागरण है जो वैसे तो मोदी भक्ति में लीन रहता है लेकिन मोदीजी के कोरोना काल में कर्मचारियों को न निकालने और सेलरी न रोकने के कहे गए वचनों का पालन नहीं कर रहा है.
Aa
August 12, 2021 at 9:23 pm
Well it’s not just 38