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‘जलील’ और ‘ज़लील’

राजीव शर्मा-

‘आजतक’ की एक ख़बर का शीर्षक बड़ा मज़ेदार है- पाकिस्तान में बौखलाए कारोबारी, केंद्रीय बैंक के गवर्नर को किया खूब जलील।

आज ‘शब्दज्ञान’ में हम इस पर बात करेंगे। ख़बर में लेखक महोदय यह कहना चाहते हैं कि गवर्नर साहब को कारोबारियों ने जमकर आड़े हाथों लिया, कड़वी बातें सुनाईं, लेकिन शीर्षक में एक शब्द ने इसका पूरा अर्थ ही बदल दिया।

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जी हाँ, ऐसा ही है। ‘जलील’ शब्द के उपयोग से इस शीर्षक का अर्थ यह होगा कि कारोबारियों ने बैंक के गवर्नर का बहुत सम्मान किया, उन्हें महान् बताया।

उर्दू में ‘जलील’ جلیل और ‘ज़लील’ ذلیل दोनों मिलते हैं, लेकिन इनके अर्थ में बहुत अंतर होता है। ‘जलील’ का अर्थ होता है- प्रतिष्ठित, महान्, मान्य, पूज्य, मोहतरम। ‘ज़लील’ का अर्थ होता है- भ्रष्ट, अधम, नीच, बेइज़्ज़त।

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इसलिए गवर्नर साहब वाली ख़बर में ‘ज़लील’ शब्द आना चाहिए। इससे स्पष्ट होगा कि कारोबारियों ने उनकी ख़ूब बेइज़्ज़ती की है।

.. राजीव शर्मा ..

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