नोएडा के पत्रकार ललित पंडित के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है. जेवर थाने में दर्ज एफआईआर में पत्रकार ललित पंडित पर ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाया गया है. उधर ललित पंडित का कहना है कि बिना किसी सुबूत बिना जांच सिर्फ कंप्लेन पर रिपोर्ट दर्ज कर लेना ग़लत है. ललित पंडित ने एक पत्र लिखकर खुद को फंसाए जाने और प्रताड़ित करने का आरोप पुलिस पर लगाया है.
देखें एफआईआर की कॉपी-
ललित पंडित का पुलिस कमिश्नर के नाम प्रार्थनापत्र-
सेवा में
श्रीमान पुलिस आयुक्त महोदय,
जनपद गौतमबुद्धनगर
विषय: डीसीपी ग्रेटर नोएडा के द्वारा प्रार्थी की खबरों से चिढ़ कर प्रार्थी के विरुद्ध झूठे मुकदमे दर्ज कराना व जान माल को हानि पहुँचाने की आशंका के संबंध में
महोदय,
प्रार्थी जनपद में एक न्यूज चैनल में संवाददाता के रूप में तैनात है। व बीते दिनों में जनपद पुलिस व अन्य विभागों द्वारा की जा रही अनियमितताओं को लेकर खबरें कर रहा है। जिससे जनपद में तैनात कई अधिकारी प्रार्थी से द्वेष भावना पाले बैठे हैं। महोदय, प्रार्थी के द्वारा कोई भी खबर बिना किसी साक्ष्य अथवा बिना वेरीफाई किए नहीं लिखी गई है अथवा चलाई गई है। महोदय, प्रत्येक खबर को वेरिफाई करने के लिए पहले वरिष्ठ अधिकारियों की जानकारी में डाल वर्जन लेने का भी प्रयास प्रार्थी के द्वारा किया जाता रहा है। महोदय, बीते दिनों में कच्ची शराब, खनन, गांजा संबंधित कई खबरें प्रार्थी के द्वारा प्रसारित की गई हैं।
बीते दिन प्रार्थी को ज्ञात हुआ डीसीपी ग्रेटर नोएडा श्री राजेश कुमार सिंह प्रार्थी से द्वेष भावना रखते हैं व प्रार्थी को झूठे मुकदमे में फंसा कर जेल भेजने की तैयारी कर रहे हैं। जिस संबंध में उक्त डीसीपी महोदय के द्वारा प्रार्थी के 1 साथी पत्रकार को बुला प्रार्थी को धमकाने का प्रयास भी किया गया था। महोदय प्रार्थी न्याय प्रणाली में विश्वास रखने वाला व्यक्ति है। पहले भी प्रार्थी के ऊपर एक मुकदमा न्यायालय के आदेश पर दर्ज हो चुका है। जिसमें प्रार्थी के द्वारा लगातार सभी अधिकारियों से कहने के बावजूद लगभग 9 माह का समय बीत जाने के बाद अभी तक न हीं कोई चार्जसीट लगाई गई है न ही कोई प्रार्थी के विरुद्ध साक्ष्य मिला है। ऐसा ही कुछ प्रार्थी की जानकारी में आज आया जब प्रार्थी को जानकारी मिली कि प्रार्थी के विरुद्ध एक और मुकदमा थाना जेवर पर पंजीकृत किया गया है। जिसमे प्रार्थी पर रंगदारी माँगने का आरोप लगाया गया है। महोदय, प्रार्थी के द्वारा आज तक न ही किसी से किसी प्रकार के लेनदेन के संबंध में बात की गई है न हीं कोई डिमांड की गई है। साथ ही जिस व्यक्ति के द्वारा यह मुकदमा पंजीकृत कराया गया है प्रार्थी न तो उसे जानता है ना ही कभी उससे मिला है ना ही कभी उससे बात की है।
प्रार्थी को जानकारी मिली कि उक्त डीसीपी के द्वारा प्रार्थी से द्वेष भावना रखते हुए प्रार्थी की छवि को खराब करने के लिए इस तरह के मुकदमे प्रार्थी के विरुद्ध पंजीकृत कराए जा रहे हैं। जिन मुकदमों में प्रार्थी के विरुद्ध कोई भी साक्ष्य मौजूद नहीं है। उनको दर्ज करने पर ही कई बड़े सवाल खड़े होते हैं।
महोदय, अब ऐसा प्रतीत होता है कि उक्त डीसीपी महोदय प्रार्थी की जान को भी हानि पहुंचाने से नहीं चूकेंगे। प्रार्थी के पास कई ऐसी जानकारियां भी मौजूद है जिनसे उक्त डीसीपी महोदय को काफी नुकसान हो सकता है। जिसके चलते प्रार्थी को चुप कराने के लिए प्रार्थी की जान लेने से भी नहीं कतराएंगे।
अतः महोदय से निवेदन है कि प्रार्थी की जानमाल की सुरक्षा हेतु उक्त एप्लीकेशन पर उचित कानूनी कार्रवाई करने की कृपा करें।
प्रार्थी
ललित पंडित पुत्र स्व० उमेश पंडित
बी-805, निम्बस अपार्टमेंट, सेक्टर चाई-5, ग्रेटर नोएडा
8800000932