लखनऊ : परिवादी महेन्द्र गुप्ता द्वारा जय प्रकाश एसोसिएट्स के विरूद्ध उनके द्वारा आवंटित अपार्टमेण्ट का कब्जा न दिए जाने के कारण एक परिवाद राज्य उपभोक्ता आयोग में प्रस्तुत किया गया। जय प्रकाश एसोसिएट्स ने आबंटन की तिथि से ३६ माह के अन्दर अपार्टमेण्ट देने का वायदा किया था जो वह पूरा नहीं कर सके।
इस मामले की सुनवाई राज्य उपभोक्ता आयोग, लखनऊ के वरिष्ठ न्यायिक सदस्य माननीय श्री राजेन्द्र सिंह एवं माननीय श्री विकास सक्सेना सदस्य की पीठ द्वारा की गई।
मा0 श्री राजेन्द्र सिंह द्वारा निर्णय उदघोषित करते हुए विपक्षी जय प्रकाश एसोसिएट्स व अन्य लोगों को आदेश दिया कि वे इस निर्णय के ०८ सप्ताह के भीतर बकाया धनराशि को लेते हुए परिवादी के पक्ष में उपरोक्त अपार्टमेण्ट का कब्जा दें और विक्रय प्रलेख और बैनामा लिखें अन्यथा उन्हें ०८ सप्ताह पश्चात् ०१.०० लाख रू० प्रतिमाह क्षतिपूर्ति अदा करनी होगी अथवा वे परिवादी को आज के वर्तमान बाजारू मूल्य पर इस अपार्टमेण्ट के बराबर के मूल्य की धनराशि दिनांक २१-०७-२०१३ से ०९ प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित अदा करें।
इसके अतिरिक्त जय प्रकाश एसोसिएट्स को यह भी आदेश दिया गया कि वह दिनांक २१-०७-२०१३ से प्रति माह १५,०००/- रू० भुगतान की तिथि तक अदा करे और १,५०,०००/- रू० बतौर हर्जाना दे तथा ३०.०० लाख रू० मानसिक यन्त्रणा,उत्पीड़न व अवसाद के मद में अदा करे। यह सारी धनराशि इस निर्णय के ०८ सप्ताह के अन्दर न देने पर ब्याज की दर १५ प्रतिशत होगी।
इसी तरह के एक अन्य केस में परिवादी महेन्द्र गुप्ता एवं श्रीमती मंजुला गुप्ता द्वारा जय प्रकाश एसोसिएट्स नोएडा के यहॉं एक भूखण्ड लेने के लिए दिनांक ०९-०५-२०१२ को आवेदन किया गया जिसका कब्जा आबंटन की शर्तों के अनुसार १८ माह में दिया जाना था। बार-बार अनुरोध करने के पश्चात् भी और ८० प्रतिशत से अधिक धनराशि जमा करने के बाद भी उन्हें कब्जा नहीं दिया गया। तब उन लोगों ने राज्य उपभोक्ता आयोग, लखनऊ में परिवाद प्रस्तुत किया।
इस मामले की सुनवाई राज्य उपभोक्ता आयोग,लखनऊ के वरिष्ठ न्यायिक सदस्य माननीय श्री राजेन्द्र सिंह एवं माननीय श्री विकास सक्सेना सदस्य की पीठ द्वारा की गई। मा0 श्री राजेन्द्र सिंह द्वारा निर्णय उदघोषित करते हुए विपक्षी जय प्रकाश एसोसिएट्स को आदेश दिया कि वे इस निर्णय के ०८ सप्ताह के भीतर प्रश्नगत भूखण्ड का कब्जा दे अन्यथा उसे ०८ सप्ताह पश्चात् ०१.०० लाख रू० प्रतिमाह क्षतिपूर्ति अदा करनी होगी अथवा वह परिवादीगण को आज के वर्तमान बाजारू मूल्य के अनुसार इस भूखण्ड के बराबर के मूल्य की धनराशि और उस पर दिनांक ०८-११-२०१३ से ०९ प्रतिशत वार्षिक ब्याज अदा करे।
इसके अतिरिक्त जय प्रकाश एसोसिएट्स को यह भी आदेश दिया गया कि वह दिनांक ०८-११-२०१३ से प्रति माह १५,०००/- रू० प्रतिमाह मय १० प्रतिशत वार्षिक ब्याज के ०८ सप्ताह के अन्दर अदा करे अन्यथा ब्याज की दर 15 प्रतिशत वार्षिक होगी। जे0पी0 एसोसिएट्स को यह भी आदेश दिया गया कि १,५०,०००/- रू० बतौर हर्जाना दे तथा ३०.०० लाख रू० मानसिक यन्त्रणा, उत्पीड़न व अवसाद के मद में निर्णय के ०८ सप्ताह के भीतर अदा करे अन्यथा इस धनराशि पर ब्याज की दर १० प्रतिशत होगी।