अरुण पुरी अपने ‘तेज’ चैनल को रिलांच करा रहे हैं. ‘तेज’ को ‘आजतक’ की टक्कर का बनाया जा रहा है. पर सवाल है कि आखिर एक ही ग्रुप के एक ही तरह के दो दो चैनल क्यों… कई तरह की चर्चाएं हैं. सबसे बड़ी तो ये है कि एक चैनल मोदी सरकार का समर्थन करेगा और एक चैनल विरोध करेगा. इस तरह पक्ष और विपक्ष दोनों को साधा जा सकेगा, जैसे एबीपी ग्रुप वाले अवीक सरकार करते हैं.
द टेलीग्राफ अखबार को ममता बनर्जी के चरणों में समर्पित कर दिए हैं इसलिए वो अखबार रोज मोदी का दाढ़ी नोचता है और इधर एबीपी न्यूज को मोदी जी के लिए पूरा गोदी बना दिए हैं जो रोज आपदा में अवसर ही अवसर बताता रहता है. इस तरह दो साधे सब सधे वाले नए मुहावरे को एबीपी ग्रुप ने अख्तियार कर लिया है. क्या कुछ ऐसा ही खेल अरुण पुरी भी करने जा रहे हैं?
इस सवाल पर आजतक प्रबंधन से जुड़े उच्च पदस्थ लोग पूरी तरह से इनकार करते हैं. उनका कहना है कि ये सही है कि तेज चैनल का विस्तार किया जा रहा है और यह रिलांच होगा. पर ये बात पूरी तरह गलत है कि एक चैनल सरकार समर्थक रहेगा और एक चैनल विरोधी.
फिर कैसे ‘तेज’ को ‘आजतक’ से कंटेंट वाइज अलग किया जा सकेगा? इस सवाल पर कहा जा रहा है कि असल चुनौती यही है, आजतक और तेज के कंटेंट को अलग अलग रखना ताकि दर्शक दोनों चैनलों पर एक समान कंटेंट न पाए.
फिलहाल ‘तेज’ चैनल की रीलांचिंग टीवी मार्केट में बड़ी खबर है. टीवी के कई अच्छे पत्रकार तेज से लगातार जुड़ते जा रहे हैं.
ताजी सूचना के मुताबिक रिपब्लिक भारत चैनल के हेड रहे कुमार प्रत्यूष ने भी तेज चैनल ज्वाइन कर लिया है. उन्हें आउटपुट का जिम्मा दिया गया है. उनकी रिपोर्टिंग श्वेता सिंह को रहेगी जो तेज चैनल की हेड बनाई गई हैं. कुमार प्रत्यूष बीस इक्कीस वर्षों से मीडिया में हैं. न्यूज नेशन, रिपब्लिक भारत, इंडिया टीवी, आजतक, आईबीएन9, बीएजी आदि संस्थानों में वे काम कर चुके हैं.
कुमार प्रत्यूष से पहले आशुतोष चतुर्वेदी ने तेज चैनल ज्वाइन किया. ये दोनों रिपब्लिक भारत से इस्तीफा देने के बाद तेज पहुंचे हैं. बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में कई अन्य लोग भी तेज से जुड़ेंगे.
देखना है कि तेज रिलांच के बाद अपने नए तेवर कलेवर में कितना कुछ नया कर पाता है. पुराने वक्त का तेज को चैनलों की जंग में पूरी तरह निस्तेज हो चुका है, साथ ही सुस्त भी. इसे जिंदा करने की कवायद कितनी सफल हो पाती है, ये समय बताएगा.