प्रज्ञा अवस्थी (वरदान खण्ड, गोमती नगर लखनऊ) द्वारा लाजिक्स इन्फ्रास्ट्रक्चर के विरूद्ध एक परिवाद राज्य उपभोक्ता आयोग लखनऊ में दायर किया गया कि विपक्षी कम्पनी और नोएडा अथारिटी उसके पक्ष में त्रिपक्षीय डीड का निष्पादन करें। इसके अतिरिक्त उसके द्वारा जमा किए गए लगभग ५९.०० लाख रू० पर १८ प्रतिशत का ब्याज देने, ०१.०० लाख रू० वाद व्यय दने और मानसिक यन्त्रणा के लिए भी धनराशि का भुगतान कराए जाने की प्रार्थना की गई।
इस मामले की सुनवाई राज्य उपभोक्ता आयोग,लखनऊ के अध्यक्ष मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार एवं वरिष्ठ न्यायिक सदस्य श्री राजेन्द्र सिंह की पीठ द्वारा की गई। मा0 श्री राजेन्द्र सिंह द्वारा निर्णय उदघोषित करते हुए यह पाया गया कि इस मामले में विपक्षी द्वारा सेवा में कमी की गई है और तद्नुसार विपक्षी को आदेश दिया कि वह त्रिपक्षीय सब लीज डीड इस निर्णय के ०८ सप्ताह के भीतर परिवादिनी के पक्ष में निष्पारित करे अन्यथा ०८ सप्ताह के बाद उसे प्रति माह ०१.०० लाख रू० बतौर क्षतिपूर्ति देना होगा।
इसके अतिरिक्त विपक्षीगण संयुक्त और अलग-अलग रूप से परिवादी को ३०.०० लाख रू० मानसिक यन्त्रण के लिए, ०१.०० लाख रू० वाद व्यय के लिए भी अदा करे।
परिवादिनी द्वारा जमा लगभग ५९.०० लाख रू० पर उनके जमा के दिनांक से १२ प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज दें और यह सारी धनराशि इस निर्णय के ०८ सप्ताह के अन्दर नहीं देने पर ब्याज की दर १५ प्रतिशत होगी।