इंदौर में प्रेस की आजादी पर कमलनाथ का अघोषित आपातकाल… मध्य प्रदेश के इंदौर से प्रकाशित होने वाले संध्या दैनिक लोकस्वामी समाचार पत्र द्वारा लगातार हनीट्रैप मामले में सफेदपोशों के काले कारनामो को उजागर किये जाने से बौखलाई कमलनाथ की कांग्रेस सरकार ने समूचे प्रशासनिक तंत्र द्वारा झोंकी अखबार के विरुद्ध शक्ति.. समाचार पत्र के कर्ता-धर्ता के इंदौर शहर में स्थापित विभिन्न प्रतिष्ठानों पर भारी पुलिस बल की आश्चर्य जनक सक्रियता..
पढ़ें भोपाल की पत्रकार ममता यादव की टिप्पणी-
लोकस्वामी ने हनीट्रैप में जिन दो लोगों का खुलासा किया उनमें एक विपक्ष के वे नेता हैं जिनके होने न होने से अब फर्क नहीं पड़ता, दूसरे वो अफसर जो पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के करीबी थे।
फिर सरकार लोकस्वामी अखबार के प्रतिष्ठानों पर छापे क्यों डलवा रही है? क्या वर्तमान सरकार के लोग भी शामिल हैं? या वे अफसर जो अब डर रहे हैं कि इनका भी गेम ओपन न हो जाये काले चेहरों के साथ? जिस भी तरह से किया लोकस्वामी ने काम तो बढ़िया किया। पर सरकार की मंशा समझ नहीं आ रही। क्या दाल ही काली है?
आज पत्रिका अखबार में प्रकाशित खबर-
डिजिटल प्रेस क्लब की तरफ से जारी प्रेस रिलीज-
पत्रकार जगत को दबाने की कोशिश कहीं साझा मिली भगत तो नहीं… लोकस्वामी के संपादक और पत्रकार जीतू सोनी और उनके साथियों को इंदौर पुलिस द्वारा परेशान किये जाने का हम पुरजोर विरोध करते हैं।
मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं कांग्रेस के अन्य आला नेताओं से अनुरोध है कि वे निरंकुश होती नौकरशाही को तत्काल रोकें!
कहीं ये हनी ट्रैप में फंसे नेताओं और अधिकारियों की खुलती पोल को रोकने की दबाव बनाने की सांझा मिली भगत तो नहीं। कहीं अगली कड़ी सरकार के लिए क्या भारी पड़ने वाली है ?
मुख्यमंत्री कमलनाथ को लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला करने वालों पर तत्काल कार्यवाही करनी चाहिए।
सरकार और इंदौर प्रशासन को देश के मीडिया के समक्ष कार्यवाही की जरूरत और उसके बिंदु तथ्यवार रखने चाहिए।
डिजिटल प्रेस क्लब,भोपाल प्रेस की आजादी पर किसी भी तरह के हमले के विरोध में है और इसकी घोर निंदा करता है।
राजेश भाटिया
अध्यक्ष
डिजिटल प्रेस क्लब
विनय द्विवेदी
महासचिव
अनिल सिंह
कोषाध्यक्ष
डिजिटल प्रेस क्लब के सभी साथी