मजीठिया वेज बोर्ड देने से बचने के लिए अखबार घराने 20-जे को हथियार बना लेते थे. इसके आधार पर वह कहते थे कि उनके यहां काम करने वाले कर्मचारी ने लिखकर दे दिया है कि उसे समुचित सेलरी व लाभ मिल रहा है. पर अब ये बहाना नहीं चलेगा.
राजस्थान पत्रिका प्राइवेट लिमिटेड की कर्मचारी जूही गुप्ता के मामले में पत्रिका ग्रुप को हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में मुंह की खानी पड़ी है. अब उस 20-जे की डिक्लरेशन/अण्डरटेकिंग का कोई महत्व नहीं बचा है, जिसके आधार पर मीडिया संस्थान पत्रकारों का हक दाबे बैठे थे.
कई मीडियाकर्मियों ने इस आर्डर की कॉपी अपलोड करने के लिए कहा है. नीचे तीन लिंक दिए गए हैं. इन पर क्लिक करें और इस प्रकरण के विभिन्न आदेशों को प्राप्त करें-
https://drive.google.com/file/d/1E2eAJattdkKFQbFvMKYK1AjHi38cu-J7/view?usp=sharing
https://drive.google.com/file/d/1eLL_kTRmynNPBJyu1gqBlDRDQtfjN3Ja/view?usp=sharing
https://drive.google.com/file/d/13QfL5fiO-U6Th6sbLEzKVbraKGAyI4N4/view?usp=sharing
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