शशिकांत सिंह-
बिहार के मुजफ्फरपुर में दैनिक समाचारपत्र हिंदुस्तान को एक और झटका लगा है। मजीठिया वेज बोर्ड अवार्ड के अनुसार उसे अपने पूर्व कॉपी राइटर संतोष कुमार को 23.82 लाख रुपये देने होंगे। साथ ही जून 2020 से उक्त राशि पर 8% ब्याज भी उसे देना होगा।
लेबर कोर्ट मुजफ्फरपुर ने बीते 23 फरवरी को इस संबंध में अवार्ड पारित कर दिया है। राशि के भुगतान के लिए प्रबंधन को एक माह का समय दिया गया है. मुजफ्फरपुर लेबर कोर्ट में मजीठिया वेतनमान से संबंधित यह चौथा अवार्ड है। वहीं, हिंदुस्तान अख़बार के खिलाफ यहां यह दूसरा अवार्ड है.
संतोष कुमार ने वर्ष 2020 में मजीठिया वेज बोर्ड अवार्ड के तहत अपनी नियोक्ता कंपनी एचटीएमएल के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी थी। लेबर कोर्ट में सुनवाई के दौरान प्रबंधन ने समय-समय पर उनके ट्रांसफर को मुद्दा बनाते हुए उन्हें एचटीएमएल का कर्मी मानने से इनकार कर दिया था। उसका दावा था कि 2020 में त्यागपत्र देने के दौरान संतोष कुमार जिस कंपनी में कार्यरत थे, उनका दावा उसी के खिलाफ होना चाहिये था।
हालांकि, कोर्ट ने कंपनी के इस दावे को ख़ारिज कर दिया। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि संतोष कुमार का समय-समय पर एचटीएमएल की 100% सब्सिडरी कंपनी में हुआ है, जो कि उनकी नियुक्ति के समय हुए एग्रीमेंट की शर्तों के अनुसार है. कोर्ट ने कंपनी के इस दावे को भी ख़ारिज कर दिया कि एचटीएमएल, एचएमवीएल और एचटीडीसीएल अलग-अलग कंपनी है।
कंपनी ने अपने आदेश में कहा है कि यदि तीनों कंपनी अलग-अलग होती तो एचटीएमएल को अपने कर्मियों को एचएमवीएल या एचटीडीसीएल में ट्रांसफर करने का अधिकार न होता।
लेखक मजीठिया क्रांतिकारी हैं उनसे संपर्क 9322411335 पर किया जा सकता है.