अजय सिंह-
मैं 2014 में चन्दौली का संरक्षण अधिकारी था. मानव तस्करी में लिप्त मुगलसराय जी आर पी थाना व मुग़ल सराय कोतवाली थाने पर मैंने और मेरे सहकर्मी एक अन्य महिला अधिकारी ने कई ज़बरदस्त कार्रवाई किए.
पता चला कि यहाँ के मानव तस्करी का हिस्सा तो निदेशालय जवाहर भवन व सचिवालय बापू भवन तक पहुँचता है. आई ए एस भी इसमें लिप्त हैं.
यहाँ ज़िला व कमिश्नरी स्तर के उच्चाधिकारी मानव तस्कर, मादक द्रव्य तस्कर, अवैध असलहा तस्कर व देह व्यापार में लिप्त तंत्र के कारोबारियों से प्रत्यक्ष सम्बन्ध रखते हैं. लखनऊ के उच्चाधिकारी व मंत्री की भी संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता.
यहाँ यह भी जानना ज़रूरी होगा कि इस जिले के नौगढ व चकियाँ तहसील के नक्सलियों से धन उगाही करवाने में भी इनकी संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता.
हम दोनों द्वारा लगातार किए गए कार्रवाई से बौखलाकर प्रशासन ने हमलोगों को लम्बे समय तक कार्यालय से गैरहाजिर बताकर नौकरी से निकाल दिया. जबकि हमारी हाजरी पंजिका ज़िलाधिकारी क़ब्ज़े में रखे थे. निदेशालय चुप था. समझ सकते हैं स्थिति कितनी विकट है.
फ़िलहाल हम दोनों हाई कोर्ट में धक्के खा रहे हैं. वर्तमान सांसद मा. महेन्द्र पाण्डेय व पूर्व सांसद मा. रानकिसुन यादव तक सबको मैंने समय समय पर अवगत कराया. सबकी चुप्पी बताती है कि कहीं ना कहीं यह काली कमाई के वे भी हिस्सेदार हैं.
रेल का कोयला चोरी, डीज़ल चोरी का प्रकरण तो अलग ही है. यहाँ ईमानदार आदमी काम नहीं कर सकता. कभी नहीं. वह या तो उस सिस्टम का हिस्सा बन जाए या अपनी नौकरी व जान गँवाने के लिए तैयार रहे. यह अनैतिक व भ्रष्ट लोगों का तंत्र किसी भी हद तक जा सकता है.