नीचे दिए गए दो वीडियोज से ये साफ है कि मेरठ पुलिस कितना पतित है. वह एक फोटो जर्नलिस्ट को अपनी ड्यूटी करने यानि फोटो खींचने के कारण कितना परेशान कर सकती है और किस हद तक गिर सकती है, इसका अंदाजा इन वीडियोज को देखकर लग सकता है. मेरठ में लालकुर्ती थाने की पुलिस ने हिंदुस्तान के फोटो जर्नलिस्ट अनुज सिंह को फंसाने के लिए लड़की की तरफ से जो फर्जी शिकायत दर्ज की है, उसमें आरोप लगाने वाली लड़की खुद कैमरे के सामने कह रही है कि उसे तो पता ही नहीं कि कब उसके नाम से कंप्लेन दर्ज कर दी गई, उसने कोई शिकायत फोटो जर्नलिस्ट के खिलाफ नहीं दी थी.
लड़की का कहना है कि पुलिस वालों ने खुद ही कंप्लेन तैयार कर रखा था और उससे जबरन उस पर साइन करने को कहा गया. लड़की ने कहा कि उसे फोटो जर्नलिस्ट से कोई शिकायत नहीं है.
उस लड़के ने भी फोटो जर्नलिस्ट अनुज को निर्दोष बताया जो फोटो खींचे जाते वक्त थाने लड़की के साथ आया था. उसने भी कैमरे के सामने कहा कि उनका फोटो पत्रकार से कोई लेनादेना नहीं है और न ही कोई शिकायत है.
ज्ञात हो कि मेरठ की लालकुर्ती थाने के इंस्पेक्टर धीरज शुक्ला ने फोटो जर्नलिस्ट अनुज सिंह को फोटो खींचने के कारण हवालात में बंद कर दिया. अनुज किसी लड़की के साथ हुए विवाद के प्रकरण को कवर करने के लिए थाने पहुंचे थे और वहां मौजूद लड़की व इंस्पेक्टर धीरज शुक्ला की तस्वीर खींच ली थी. तस्वीर खींचे जाने से धीरज शुक्ला इतना गुस्साया कि उसने अनुज का कैमरा तोड़ दिया और पुलिस वालों की मदद से पकड़ कर हवालात में बंद करा दिया.
इस घटना को मेरठ के अखबारों ने दबा दिया और पुलिस से डील कर लिया. इससे नाराज फोटोग्राफरों ने नेशनल वायस चैनल के एडिटर इन चीफ ब्रजेश मिश्रा को लखनऊ फोन लगाया और मदद मांगी. नेशनल वायस चैनल ने इस मामले को प्रमुखता से उठाया और थाने के आरोपी मुंशी को सस्पेंड कराया. इंस्पेक्टर के खिलाफ विभागीय जांच की बात कही गई लेकिन विभाग ने अभी तक आरोपी इंस्पेक्टर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. इंस्पेक्टर धीरज शुक्ला आज भी थाने में तैनात है.
देखें दोनों वीडियो…
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