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मिंट अखबार के इस माफीनामे से हिंदी के संपादक और पत्रकार सबक लें…

हिंदी के ज्यादातर पत्रकारों और संपादकों के दिमाग में जेंडर डायवरसिटी जैसे शब्द आते ही नहीं होंगे इसलिए वे इस बारे में कछ सोच समझ पाएं, ऐसा मौका ही नहीं मिलता होगा. अंग्रेजी के एक अखबार ने अपने आयोजन में महिला वक्ताओं के न होने पर माफी मांगी है और कहा है कि उसे जेंडर डायवरसिटी का ध्यान रखना चाहिए था. ऐसा न कर पाने के लिए वह माफी मांगता है.

बात हो रही है मिंट अखबार की. इस अंग्रेजी बिजनेस अखबार का एक माफीनामा आजकल चर्चा में है. Mint ने अपने वार्षिक बैंकिंग सम्मेलन में लैंगिक विविधता (ज्यादा संख्या में महिला वक्ताओं की भागीदारी) सुनिश्चित नहीं कर पाने पर अफसोस जताते हुए एक माफीनामा जारी किया है.

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माफीनामा में अखबार के एडिटर-इन-चीफ श्रुतिजीत केके ने कहा है कि उनसे गलती हुई है, सम्मेलन में पैनलिस्टों के बीच लैंगिंक विविधता सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त मेहनत नहीं की,

देखें पूरा माफीनामा जो अंग्रेजी में है-

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