गाज़ियाबाद, 27 जून। देश में लॉकडाउन शुरू होने के बाद से ही ट्रांसपोर्टर लगातार विषम परिस्थितियों से जूझ रहे हैं। 22 मार्च से गाजियाबाद में ट्रांसपोर्ट व्यवसाय ठप्प होना शुरू हो गया था। लॉकडाउन के दौरान काम के कम होने अथवा न होने पर भी हमने गोदामों के किराए दिए, स्टाफ को तनख्वाह दी, लेबर को पैसे दिए और अपनी गाड़ियों की किश्तें तक भरी और अगर कोई किश्त भरने की स्थिति में नहीं था तो उसे ब्याज पर ब्याज दंड भोगना पड़ा।
लॉकडाउन के दौरान सरकार ने सभी वर्गों को किसी न किसी प्रकार से छूट अथवा राहत दी लेकिन ट्रांसपोर्ट व्यवसाय के हिस्से में कुछ नहीं आया बल्कि उल्टे इस बीच टोल टैक्स की दरों में वृद्धि और कर दी गई। जो गाड़ी मालिक लॉकडाउन के दौरान रोड टैक्स जमा नहीं कर पाए थे उनको रोड टैक्स में छूट देने की बजाय उन पर पेनल्टी लगाई जा रही है।
वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में भारी गिरावट होने के बावजूद सरकार द्वारा डीजल के रेट कम करने की जगह दिन पर दिन बढ़ाए जा रहे हैं। पिछले लगभग 3 सप्ताह से डीजल के दामों में रोजाना बढ़ोतरी हो रही है। देशभर के ट्रांसपोर्टर इसका विरोध भी जता रहे हैं लेकिन सरकार द्वारा इस और कोई भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में हम पर पड़ने वाला आर्थिक बोझ और नुकसान बढ़ता ही जा रहा है।
इन परिस्थितियों में हमारे सामने माल भाड़े बढ़ाने के सिवाय कोई और रास्ता नहीं रह जाता। गाजियाबाद महानगर गुड्स ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन ने अपने सदस्यों से 1 जुलाई से वर्तमान माल भाडो में 20% की वृद्धि के साथ बुकिंग करने की अपील की है।
आशीष मैत्रेय, अजय पाठक
वरिष्ठ उपाध्यक्ष अध्यक्ष
गाजियाबाद महानगर गुड्स ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन (रजि०)
प्रेस विज्ञप्ति