Connect with us

Hi, what are you looking for?

सियासत

नोटबंदी की नौटंकी, नक्सलियों से कनेक्शन और नकली नोटों का नंगा नाच

संजय कुमार सिंह-

सात करोड़ के नकली नोट बरामद होना वैसे भी बड़ी खबर है। नोटबंदी की नौटंकी और इससे वेश्यावृत्ति बंद होगी जैसे दावे करने वाली सरकार के रहते (सात साल मनमानी करने के बावजूद) अगर सात करोड़ के नकली नोट बरामद हो रहे हैं तो यह बहुत बड़ी खबर है। पर कहीं दिखी? आपको पता चला? इसीलिए गोदी मीडिया या बिका हुआ कहा जाता है। और बात सिर्फ इस सात करोड़ की नहीं है। गूगल करने पर मुझे निम्नलिखित खबरें मिलीं। इससे जाहिर होता है नकली नोट खत्म होने का दावा तो झूठा था ही। सरकार इसे बंद नहीं कर पाई है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

इससे पहले, अमर उजाला की नौ जनवरी 2022 की एक खबर के अनुसार, पाकिस्तान से नेपाल होकर भारत में आ रहे हैं नकली नोट: स्पेशल सेल ने सप्लायर को किया गिरफ्तार, दिल्ली में खपा चुका है एक करोड़। इसी खबर में लिखा है, आरोपी से पूछताछ में यह सामने आया है कि 2016 में नोटबंदी के बाद नकली नोटों की तस्करी थम गई थी। मगर पिछले चार वर्षों से फिर से नकली नोटों की तस्करी बढ़ी है। अब पाकिस्तान से खाड़ी देश और फिर बांग्लादेश व नेपाल होकर भारत में नकली नोट आ रहे हैं। आरोपी के कब्जे से 2.98 लाख रुपये के नकली नोट बरामद किए गए। सभी नकली नोट 500 रुपये के हैं।

खबरों से लगता है कि नकली नोटों का नंगा नाच बेरोक-टोक जारी है। 24 जून 2021 को एबीपी न्यूज ने कथित ज्योतिषि के घर से 18 करोड़ रुपए के नकली नोट बरामद होने की खबर दी थी। यह हैदराबाद का मामला था। यह ज्योतिषी हवाला कारोबारी बताया जाता है। इससे पहले चार मार्च 2021 को आजतक ने उड़ीशा के कोरापुट में सात करोड़ 90 लाख रुपए के नकली नोट बरामद होने की खबर दी थी। ये भी 500 के नोट थे और 1580 बंडल एक कार से बरामद हुए जो छत्तीसगढ़ के रायपुर से विशाखापत्तनम जा रही थी।

Advertisement. Scroll to continue reading.

पत्रिका डॉट कॉम ने 27 जून 2021 को मध्यप्रदेश के बालाघाट डेटलाइन से एक खबर छापी थी, 5 करोड़ से ज्यादा के नकली नोट जब्त…10 से लेकर 2 हजार तक के इतने नकली नोट… मिले कि भर गया कमरा। पुलिस को शक है कि आरोपियों के कनेक्शन नक्सलियों से भी हो सकता है। गौर करने वाली बात है कि इस मामले में पुलिस को नकली नोट का धंधा करने वालों के तार नकसलियों से जुड़े होने का शक है। यानी सरकार का जो एक दावा बचा रह गया था वह इससे पूरा हो गया। कहने की जरूरत नहीं है कि ये सब बड़े और गंभीर मामले हैं तथा सरकार को इनकी जांच करानी चाहिए पर राजनीतिक जांच से फुर्सत मिले तब ना?

दैनिक जागरण ने 23 दिसंबर 2021 को एक ‘राष्ट्रवादी’ खबर दी थी। शीर्षक था, अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा पाकिस्तान, छाप रहा दो हजार के नकली नोट, 8 लाख के नोट बरामद। इस खबर के अनुसार, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने नकली नोटों की तस्करी करने वाले दो अंतरराष्ट्रीय तस्करों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से दो-दो हजार के आठ लाख नकली नोट बरामद किए गए हैं। पिछले दो साल के दौरान आरोपितों ने दिल्ली में 2 करोड़ से अधिक नकली नोटों की आपूर्ति करने की बात स्वीकारी है। बरामद नकली नोट पाकिस्तान में छपे हुए हैं। इसकी गुणवत्ता इतनी अच्छी है कि कोई उसे देखकर आसानी से असली व नकली का पता नहीं कर सकता है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

खबर लिखने वाले को यह याद नहीं रहा कि भारत में नोटबंदी हुई थी तो दावा किया गया था कि नोटबंदी (या नोट बदलने से) नकली नोटों की समस्या खत्म हो जाएगी। अखबार पाकिस्तान पर हरकतों से बाज नहीं आने का आरोप तो लगा रहा है पर यह नहीं बता रहा है कि प्रधानमंत्री या सरकार ने क्या दावा किया था और किस आधार पर किया होगा और अब उसे क्यों नहीं रोक पा रहे हैं। अखबार ने पुलिस की विज्ञप्ति जस के तस छाप दी है। पता नहीं शीर्षक अखबार का है या विज्ञप्ति का। खबर आगे बताती है, इन्होंने पांच सालों से देश के कई राज्यों में सक्रिय रूप से नकली नोटों की आपूर्ति करने की बात कुबूली।

आप जानते हैं कि सरकार के काम काज पर टिप्पणी की जाए तो समर्थक इस बात पर खुशी या संतोष जताते हैं कि, ‘मुल्ले टाइट हैं’। पर नोट तस्करी में जो नाम आ रहे हैं वो ऐसे ही हैं। जितनी उदारता से नाम छापे जा रहे हैं उससे उनकी सत्यता पर मुझे संदेह है। लेकिन सत्य है तो मुल्ले कहां टाइट हैं। वे तो पंक्चर बनाने की जगह नोटों के ‘स्तरीय’ धंधे में लग गए हैं। खबर के अनुसार, फिरोज शेख ने यह भी बताया कि आपूर्तिकर्ता सलाम, मुर्शिदाबाद में भारत-बांग्लादेश सीमा पर बांग्लादेश से नकली नोटों की खेप प्राप्त करता है। दोनों उसी से निरंतर नकली नोट खरीद रहे थे। एक लाख रुपये का नकली नोट वे 30 हजार में खरीद कर उसे दिल्ली व अन्य राज्यों में अपने संपर्कों को 40 से 45 हजार में बेचते थे।

Advertisement. Scroll to continue reading.

कहने की जरूरत नहीं है इस धंधे में पाकिस्तान, बांग्लादेश और मुल्ले तीनों शामिल लगते हैं। आतंकवाद पर नियंत्रण भी इस सरकार का मुद्दा रहा है और नोटबंदी का एक फायदा यह भी बताया गया था। पर अगर धंधा इस तरह बदस्तूर जारी है तो आतंकवाद पर क्या नियंत्रण पाया गया होगा और दावे की सत्यता पर कितना यकीन करना चाहिए यह आप खुद सोचिए। धंधा करने वालों का कहना है कि यह सब एक वर्ष ही रुका। तो सवाल है कि सरकार को मिला क्या? और सरकार अब क्या कर रही है?

इससे पहले 11 जून 2020 की एक खबर है, पुणे में 87 करोड़ रुपये के देसी-विदेशी नकली नोट बरामद, सेना के जवान सहित छह गिफ्तार। हालांकि यह थोड़ा अलग मामला है और ये नोट ‘चिल्ड्रन्स बैंक ऑफ इंडिया’ के नाम से छपे थे। इसलिए इसमें तकनीकी गलती भले हो, मामला उतना बड़ी नहीं होगा। हालांकि इसमें सेना के एक जवान सहित छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था। लेकिन तीन लाख के नकली अमेरिकी डॉलर और फिर कार्रवाई के दौरान मौके पर दो लाख रुपये के असली भारतीय नोट भी मिले हैं। इससे शक होता है कि आरोपी असली नोट लेकर नकली नोट देते थे। इसमें अमेरिकी डॉलर भी शामिल है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

जैसा कि गिरफ्तार अभियुक्तों ने कहा है, नकली नोटों का धंधा एक साल ही रुका रहा और फिर शुरू हो गया। तब एनआईए की टीम ने छापामारी की थी और यह 01 जून 2019 की खबर है। आईनेक्स्ट लाइव डॉट कॉम के अनुसार, छाप रहे थे नये-नये नोट, 1.20 करोड़ जाली नोट के साथ दो धरे गए। एनआईए ने दो ऐसे लोगों को भी गिरफ्तार किया है, जो दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में व्यापक रूप से नकली नोट को फैलाने के लिए जिम्मेदार हैं। बता दें कि एनआईए की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर हरियाणा के गुरुग्राम में एक जगह पर छापेमारी की। इस दौरान उन्होंने फर्जी भारतीय नोट बरामद किये, जिनकी वैल्यू 1.20 करोड़ रुपये है।

ज़ीबिज डॉट कॉम की एक खबर के अनुसार, यह मामला दिसंबर 2016 का है। पंजाब के मोहाली में पुलिस ने दो भाई-बहन को नकली नोट छापने के मामले में गिरफ्तार किया था। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, 21 वर्षीय अभिनव वर्मा और उसकी चचेरी बहन विशाखा वर्मा के पास से 42 लाख की कीमत वाले 2000 रुपये के नकली नोट बरामद किए थे. पुलिस ने बताया कि दोनों ने घर में ही लगभग 3 करोड़ के नकली नोट छाप लिए थे और उनमें से ज्यादा नोटों को बाजार में इस्तेमाल भी कर लिया था। इन्होंने नकली नोट छापकर एक महंगा घर, नई ऑडी कार और शानोशौकत के तमाम सामान खरीद लिए थे।

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement