मुंबई नवभारत एडिशन में एक बार फिर भगदड़ मच गई है.संस्थान से जुड़े 5 संवाददाता भास्कर ग्रुप ज्वाइन कर चुके हैं. पिछले 15 वर्षों से लगातार कार्य कर रहे संवाददाताओं ने नवभारत संस्थान की तरफ से मुंह मोड़ लिया है. मुंबई से दयाशंकर पांडे,भानु मिश्रा,थाना से वीरेंद्र मिश्रा, मीरा भयंदर से अनिल चौहान, पालघर से संजय सिंह ठाकुर ने मुंबई में दैनिक भास्कर का दामन थाम लिया है. बताया जा रहा है कि दैनिक भास्कर आने वाले कुछ महीनों में अपना मुंबई एडिशन लांच करने जा रहा है.
नवभारत मैनेजमेंट संवाददाताओं का लगातार शोषण करता दिखाई पड़ रहा है. संवाददाताओं का दबे मन से मानना है कि प्रबंधन के साथ-साथ एडिटोरियल भी रिपोर्टर या क्षेत्रीय संवाददाताओं का कोई सहयोग नहीं करता है.एडिटर बृजमोहन पांडेय खुद मैनेजमेंट का साथ दे रहे हैं. ब्रजमोहन कुछ महीनों बाद रिटायर होने वाले हैं लेकिन मैनेजमेंट से अपना सेवा विस्तार चाहते हैं इसलिये मैनेजमेंट के खिलाफ नहीं जाना चाहते.
पांडे जी को जैसे भनक लगी कि काफी लोग नवभारत अखबार छोड़ रहे हैं तो उन्होंने अखबार के व्हाट्सएप ग्रुप में छोड़ने वालों का आभार प्रकट कर दिया जबकि तब तक किसी ने रिजाइन ही नहीं दिया था. पिछले हफ्ते नवनियुक्त निदेशक अजीत रामचंद्र ने संवाददाताओं की बैठक में सीधे कह दिया मैनेजमेंट को आपसे विज्ञापन के रूप में पैसे चाहिए, अन्यथा आप अपना इंतजाम कर लीजिए. हर महीने आपसे टारगेट के रूप में एडवर्टाइजमेंट लाना होगा. अगर ऐसा नहीं कर पाएंगे तो हम विकल्प खोज रहे हैं.
इस विषय पर एडिटोरियल को लीड कर रहे बृजमोहन पांडे ने भी कोई मदद नहीं की. इसके बाद मुंबई से स्थानीय संवाददाता दयाशंकर पांडेय, भानु मिश्रा मीरा भयंदर से अनिल चौहान, थाना से वीरेंद्र मिश्रा, पालघर से संजय सिंह ठाकुर ने दैनिक भास्कर ज्वाइन कर लिया. बताते हैं कि दयाशंकर पाण्डेय साल का 5 लाख और भानु मिश्रा 6 लाख, दोनों मिल कर साल में तकरीबन 11 लाख का एडवरटाइजमेंट अखबार को देते थे.