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‘न्यूज नशा’ चैनल के संवाद कार्यक्रम में सीएम धामी क्या बोले, पढ़िए-देखिए

वरिष्ठ पत्रकार विनीता यादव द्वारा संस्थापित डिजिटल चैनल न्यूज नशा ने देहरादून में एक कार्यक्रम का आयोजन किया. इस संवाद कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिरकत कर न सिर्फ सवालों के जवाब दिए बल्कि खुद को एक मजबूत और जमीनी नेता के रूप में स्थापित हो जाने के संकेत भी दिए.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऐलान किया है कि आने वाले समय में नागरिकों को बद्रीनाथ धाम में रोपवे का तोहफा मिलेगा। उत्तराखंड के पहाड़ों के प्राकृतिक सौंदर्य की अनुभूति माणा गांव तक टू लेन रोड के साथ रेल यात्रा का सुख मिलने वाला है। चार धाम यात्रा में भी शानदार रिवर फ्रंट, मानव निर्मित झील बनायी जा रही है। पुराने उद्योगों की समस्याओं का समाधान कर दिया गया है, नए उद्योगों के लिए राज्य में इज ऑफ डूइंग माहौल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा सरकार और जनता के बीच संवाद विकास की कड़ी है। इसके लिए वह हर वर्ग के व्यक्ति से घर का सदस्य बन कर बात करते हैं। इन सबको संवाद के जरिये आसान बनाया जा रहा है।

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धामी बुधवार को ‘शिखर पर उत्तराखंड’ संवाद कार्यक्रम में ‘न्यूज नशा’ की फाउंडर एडिटर विनीता यादव के सवालों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा राजनीति में सही सोच, निष्ठा से काम और सतत प्रयास आपकी सफलता तय करता है। वह ऐसी पार्टी के प्रतिनिधि हैं, जहां देश पहले, संगठन उसके बाद और व्यक्ति अंतिम है, ऐसे में वह आभारी हैं अपने वरिष्ठों के जिन्होंने उन जैसे सामान्य व्यक्ति को राज्य की जिम्मेदारी सौंपी। राज्य की जनता ने भी उन पर भरोसा जताते हुए २२ साल के मिथक को तोड़ा और लगातार पहाड़ की जनता ने भाजपा को दुबारा सत्ता सौंपी। अब तो बस विकास, संरक्षण और रोजगार का लक्ष्य लेकर काम करते जा रहे हैं, इसके लिए दीर्घकालीन और लघु रोडमैप बनाए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा राज्य में कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए वह सख्त से सख्त फैसला लेने से भी नहीं चूकेंगे। उन्होंने कहा राज्य में विकास का अर्थ यह कदापि नहीं है कि प्रकृति की अनदेखी होगी। राज्य सरकार ने अगले दस साल के लिए विजन तय किया है, उससे भी पहले राज्य के २५ साल पूरे होने वाले हैं, उसे लेकर अगले तीन साल के लक्ष्यों पर राज्य सरकार अलग से काम कर रही है। धामी ने कहा राज्य की प्राकृतिक विरासत को संजो कर संरक्षित करके ही विकास की राह प्रशस्त की जा रही है।

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देहरादून में हुए आयोजन में मुख्यमंत्री ने सधे हुए अंदाज में सरकार का विजन पेश किया। उन्होंने कहा जब वह पिछले कार्यकाल में मुख्यमंत्री बने थे तो जैसे हर सेक्टर में चुनौतियां होती हैं, उनके सामने भी स्थितियों की चुनौतियां थी, लेकिन वह हर चुनौती को एक अवसर समझते हैं, इसलिए उन्हें कुछ भी दुरूह नहीं लगा। मुख्यमंत्री ने कहा संवाद उनके प्रबंधन का सार है, वह राज्य के नागरिकों से लेकर प्रशासन तक में हर एक के साथ सीधा संपर्क में रहते हैं। इससे उनके लिए चीजे आसान हो जाती हैं। कम्युनिकेशन गैप नहीं होता, संवादहीनता नहीं रहती और निर्णय लेने में आसानी रहती है। धामी ने कहा वह मुख्यमंत्री नहीं, जन नेता हैं। इस साल रिकार्ड यात्रियों और पर्यटकों की आमद और राज्य की तैयारियों पर उन्होंने साफ किया कि राज्य की तैयारियां पूरी थी, प्राकृतिक घटनाओं को छोड़कर राज्य की ओर से कहीं कोताही का समाचार नहीं है, अभी एक माह का समय और है।

हाल ही में हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटना पर साफ किया कि जांच करायी जा रही है, यदि नियमों से समझौता हुआ होगा तो किसी को बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा हिमालय और पूर्वोत्तर राज्यों में वैसे भी हेलीकाप्टर संचालन में चुनौतियां रहती हैं, किंतु वह विश्वास दिलाना चाहेंगे कि इस दिशा में सार्थक तरीके से काम किया जाएगा। पीएम के दौरे पर मुख्यमंत्री ने साफ किया है कि केदार और बदरी पुनर्निर्माण के दो चरण पूरे हो गए हैं, अब तीसरे चरण में केदार में केबल कार से यात्रा संभव हो सकेगी।  पार्किंग के साथ यात्रियों की रिहाइश के इंतजाम, मंदिर प्रबंधन के लिए आवास समेत मूलभूत ढांचे पर काम किया जा रहा है। आदि गुरु शंकराचार्य की समाधि बन चुकी है। मंदाकिनी रिवर फ्रंट पर काम चल रहा है।              

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राज्य के ज्यादातर हिस्सों को हवाई मार्ग से जोड़ा जा चुका है कई जगह जोड़ा  जा रहा है, अब ऊंची पहाड़ियों पर बच्चे रेल के सफर का भी आनंद ले पाएंगे। कुल मिलाकर राज्य अध्यात्म, पर्यटन और आर्थिक विकास को साथ लेकर अपने को देश के श्रेष्ठ राज्यों की फेहरिस्त में शामिल करने के लिए तत्परता के साथ काम कर रहा है।  मुख्यमंत्री ने कहा पिता क्योंकि सेना में थे, इसलिए उन्हें बचपन में मिली  अनुशासन की सीख अब काम आ रही है। वह भी सैनिक बनकर देश की सेवा करना चाहते थे, किंतु अब जब भगवान ने उन्हें सामाजिकता के साथ उत्थान का दायित्व सौंपा है तो उनकी कोशिश है कि वह  इस पर खरे उतरें। इसके लिए वह तत्परता के साथ काम कर रहे हैं। राजनीति और भावुकता के प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि  बुलडोजर समय की जरूरत हो सकता है,  लेकिन वह फैसले लेने में भगवान को साक्षी रखकर निर्णय लेते हैं जो कि न्याय, समाज और राज्य के हित में होता है।  ऐसे में फैसले दिमाग से नहीं दिल से भी किये जा सकते हैं।  धामी ने कहा वह चाहते हैं कि उत्तराखंड औद्योगिक दृष्टि से विकसित,  आध्यात्मिक दृष्टि से संपन्न और पर्यटन की दृषि से ऊर्जावान राज्य बनकर उभरे।

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