न्यूज़ वर्ल्ड इंडिया चैनल का हाल बेहद ख़राब होता जा रहा है. जब से माधव तिवारी और रमन पांडे आए हैं, स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. मई की सेलरी भी अब तक नहीं आई है. जो लोग अपनी सेलरी के लिए आवाज़ उठा रहे हैं, उन्हें कहा जाता है कि ऑफ़िस आए हो तो काम करना ही होगा.
कुछ लोग मजबूर हैं इसलिए काम करने को विवश हैं. चैनल में कई महीनों से एसी भी ख़राब पड़ा है. चैनल में मालिकाना हक़ को लेकर भी कन्फ़्यूज़न बना रहता है. ये वही चैनल है जिसमें कभी ‘बोट बाइक’ के नाम पर पैसा ऐंठने वाला राठी भी शामिल था. पहले राठी और विजेन्दर दोनों इस चैनल के पार्टनर थे. फिर विजेन्दर अकेले इस चैनल को देख रहे हैं.
राठी फ़िलहाल जालसाज़ी के आरोप में जेल की हवा खा रहा है. कुछ दिनों पहले ये हल्ला था कि विजेन्दर को संदीप गिरी के तौर पर एक नया फ़ाइनेंसर मिल गया है. इसके बाद कई अच्छे लोगों को ये कहकर चैनल से जोड़ा गया कि अब सैलरी समय पर आएगी और चीज़ें बेहतर होंगी. लेकिन कोई भी बदलाव नहीं हुआ. जो नए लोग चैनल के साथ जुड़े थे, वह भी ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.
न्यूज वल्ड इंडिया में कार्यरत रहे एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.