अमरीक-
पंजाब में हमेशा घोषित या अघोषित क्रूर आपातकाल का तार्किक और तीखा विरोध होता रहा है। सूबे के विभिन्न संगठनों ने विख्यात वेबसाइट ‘न्यूजक्लिक’ के पत्रकारों पर दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल द्वारा की गई कार्रवाई की सख्त निंदा की है। कई संगठनों ने इस कार्रवाई के खिलाफ प्रदेश भर में रोष प्रदर्शन किए। इनमें किसान जत्थेबंदियां भी शुमार हैं। किसान नेताओं का कहना है कि दिल्ली मोर्चे के चलते भी ‘न्यूजक्लिक’ सरकार के निशाने पर आया।
भारतीय इंकलाबी मार्क्सवादी पार्टी ने अपने महासचिव कामरेड मंगतराम पासला की अगुवाई में जालंधर में व्यापक रोष प्रदर्शन किया गया। सैकड़ों लोग इसमें शामिल थे। पासला कहते हैं, “मोदी सरकार भविष्य में होने वाले चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और और 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मीडिया और राजनीतिक प्रतिद्वंदियों के खिलाफ जुल्म की हद तक जा रही है। ‘न्यूजक्लिक’ पर की गई कार्रवाई पुख्ता करती है कि इस सरकार को आजाद मीडिया बर्दाश्त नहीं। पंजाब भर में नरेंद्र मोदी सरकार की ऐसी करगुजारियों के खिलाफ मोर्चाबंदी की जाएगी। हम सत्ता से सवाल करने वाले पत्रकारों के साथ हैं।”
तर्कशील सोसाइटी पंजाब की प्रदेश इकाई ने भी दिल्ली पुलिस के विशेष सेल द्वारा ‘न्यूजक्लिक’ पर की गई कार्रवाई का सख्त विरोध किया है। गौरतलब है कि सोसाइटी की पंजाब इकाई विश्व स्तर पर अपना अलहदा वजूद रखती है। जिला बरनाला में इसका राज्य मुख्यालय है। सोसाइटी के तमाम वरिष्ठ नेताओं ने राज्य हेडक्वार्टर में विशेष मीटिंग के बाद कहा कि ‘न्यूजक्लिक’ के खिलाफ कार्रवाई दरअसल मीडिया के खिलाफ अघोषित इमरजेंसी लागू करना है और उसकी जुबान बंद करने की कवायद है। तर्कशील सोसाइटी के पदाधिकारी राजेंद्र भदौड़ के मुताबिक, “स्वतंत्र पत्रकारिता पर हमला गैरलोकतांत्रिक है। मौजूदा केंद्र सरकार हर आलोचनात्मक आवाज को अपनी एजेंसियों के जरिए कुचलना चाहती है।” प्रगतिशील लेखक संघ के राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर सुखदेव सिंह सिरसा के अनुसार, “वेबसाइट के खिलाफ दिल्ली पुलिस के विशेष सेल की कार्रवाई अति निंदनीय है। प्रगतिशील लेखक संघ इसकी खिलाफत करता है। हमने बाकायदा इसके खिलाफ प्रस्ताव पास किया है। जनवादी लेखक संघ और अन्य प्रगतिशील लेखक संगठन इस मामले में एकमत हैं।”
पंजाब लोक मोर्चा के संयोजक अमोलक सिंह कहते हैं, “यह लड़ाई लंबी चलेगी। केंद्र सरकार बौखलाहट में है। उसे अपनी आलोचना बर्दाश्त नहीं। ये लोग कलम में स्याही नहीं खून चाहते हैं।”
वरिष्ठ किसान नेता मनवीर सिंह का कहना है कि पंजाब के अठारह किसान संगठन आजाद मीडिया के साथ हैं। उन्होंने कहा कि अवाम को गोदी मीडिया का बहिष्कार करना चाहिए। ‘न्यूजक्लिक’ के खिलाफ इसलिए भी कार्रवाई की जा रही है कि उसने किसान आंदोलन की सटीक रिपोर्टिंग की; जिसे पूरी दुनिया ने पढ़ा-देखा।
बहरहाल, पंजाब के तमाम जिलों से खबरें हैं कि ‘न्यूजक्लिक’ के खिलाफ कार्रवाई का जबरदस्त विरोध हो रहा है। कई पत्रकार संगठन और राजनीतिक दल ‘न्यूजक्लिक’ के खिलाफ दिल्ली पुलिस द्वारा चलाए गए अभियान के खिलाफ आगे आ रहे हैं। पंजाब के वरिष्ठ पत्रकार जितेन्दर पन्नू का कहना है कि वक्त आ गया है व्यवस्था विरोधी मीडिया एकजुट होकर आगे आए और बेखौफ लड़ाई लड़े।
कनाडा के वरिष्ठ पंजाबी पत्रकार गुरप्रीत सिंह सहगल ने इस संवाददाता को बताया कि वहां भी ‘न्यूजक्लिक’ के खिलाफ की जा रही पुलिसिया कार्रवाई की जबरदस्त आलोचना हो रही है। इसे भारत में मीडिया की आवाज बंद करने के तौर-तरीकों के तौर पर देखा जा रहा है।