नोएडा : कांग्रेस के शीर्ष नेता अजय मकान को प्रेषित एक विज्ञप्ति में नोएडा एस्टॆट फ़्लैट ऑनर्स मेन एसोसिएशन के अध्यक्ष अन्नू खान ने बताया है कि राहुल गान्धी ने फ़्लैट बॉयर्स का दर्द समझा और हमारे साथ खड़े होने का आश्वासन दिया है। नोएडा एक्टेंशन के बिल्डर्स एक माफ़िया की तरह काम कर रहे हैं और उनकी मनमानी रोकने के लिये ऐसे व्यक्ति की सख्त आवश्यक्ता है।
उन्होंने बताया है कि नोएडा एक्टेंशन में हम में से प्रत्येक व्यक्ति ने करीब चार साल पहले अपना फ़्लैट विभिन्न बिल्डर्स के प्रोजेक्ट्स में बुक कराया था। फ़्लैट बुक कराते समय किसी भी बिल्डर ने हम फ़्लैट बॉयर्स को यह नहीं बताया था कि नोएडा एक्टेंशन की जमीन का मामला कोर्ट में लम्बित है लेकिन मई 2011 को इलाहाबाद हाई कोर्ट के एक आदेश के बाद कुछ गांवों की जमीन का अधिग्रहण रद्द कर दिया गया । उसके बाद हायर बैंच ने बीच का रास्ता निकालते हुए मास्टर प्लान अप्रूवल की शर्त के साथ नोएडा एक्टेंशन के प्रोजेक्ट्स को हरी झंडी दे दी । तब तक लगभग सभी बिल्डर्स ने हमे भरोसा दिलाया था कि मामले के हल होने तक वो हमारे साथ हैं और आगे भी किसी भी पुराने फ़्लैट बॉयर्स को बढ़े हुए मुआवजे का बोझ व ब्याज नहीं देना होगा । उसके बाद नेफ़ोमा ने मास्टर प्लान अप्रूवल के लिये करीब साल भर गांधी वादी तरीके से शांति पूर्वक हमने अपनी लड़ाई लड़ी । 25 अगस्त 2012 को मास्टर प्लान अप्रूवल होने के साथ ही बिल्डर्स ने रंग बदल लिया और पुराने बॉयर्स को भी विभिन्न बहानों से फ़्लैट कैंसलेशन की धमकी मिलने लगी ।
अजय माकन को उन्होंने अवगत कराया है कि सुपरटेक और अर्थ जैसे बिल्डर्स ने बहुत सारे फ़्लैट कैंसल भी कर दिये । जब कुछ फ़्लैट बॉयर्स एक-एक कर इन बिल्डर्स के आफ़िस गये तो इनके कर्मचारियों ने उनके साथ ऐसा सलूक किया, जैसे वो इनके मुलजिम हों और इनके प्रोजेक्ट्स में फ़्लैट बुक करा कर उन्होंने कोई बहुत बड़ा जुल्म किया हो। तब इनमें से बहुत सारे लोग हमारे पास आये क्योंकि हम करीब चार साल से फ़्लैट बॉयर्स के हक की लड़ाई लड़ रहे थे। हमने पहले सुपरटेक व अर्थ जैसे बिल्डर्स से बात की लेकिन उन्होंने भी कोई भी सकारात्मक जवाब नहीं दिया ।
बिना नोटिस फ़्लैट बॉयर्स के फ़्लैट कैंसल किये गये । जब फ़्लैट बॉयर्स ने बिल्डर्स से नोटिस का प्रूफ़ (पी.ओ.डी.) मांगा तो बिल्डर्स ने देने से इनकार कर दिया। बिना फ़्लैट बॉयर्स की सहमति के फ़्लैट का एरिया तय कर उससे लाखों रुपये वसूले गए। बहुत सारे लोगों के सिर्फ़ सर्विस टैक्स की वजह से फ़्लैट कैंसल किये गये। इनमें से कुछ लोगों का तो सिर्फ़ १००/- से १०००/- तक कम था । जबकी फ़्लैट बुकिंग कराते समय सुपरटेक ने सर्विस टैक्स नही मांगा था । बाद में सर्विस टैक्स लगने के बाद भी कोई डिंमांड नही भेजी गई । सीधे फ़्लैट कैंसल कर दिया गया ।
इलहाबाद हाई कोर्ट द्वारा पतबाड़ी और शाहबेरी गांव का जमीन अधिग्रहण रद्द होने के बाद सुपरटेक और अन्य बिल्डर्स ने वादा किया था कि उन सभी प्रभावित फ़्लैट बॉयर्स से किसी प्रकार का अतिरिक्त चार्ज नहीं लिया जायेगा । आज सबसे ज्यादा इन्ही लोगों को परेशान किया जा रहा है और उनसे भारी भरकम ब्याज वसूलने के लिए पत्र जारी किए गये हैं ।
लगभग सभी बॉयर्स से एक साईन करने के लिये कहा जा रहा है ताकि बिल्डर्स को देरी पर ब्याज ना देना पड़े और एफ़.ए.आर. बढ़ाने पर बॉयर्स कोई विरोध न कर सकें । एकतरफ़ा एग्रीमेन्ट बना कर फ़्लैट बॉयर्स को बेवकूफ़ बनाते हैं। इतना ही नहीं, बिल्डर्स और प्राधिकरण की मिलीभगत का खामियाजा फ़्लैट बॉयर्स को भुगतना पड़ रहा है, जो बिल्डर्स कब्जा दे रहे हैं वो लेबर वेल्फ़ेयर चार्ज, एस्कलेशन चार्ज , फ़ार्मर कम्न्शेसन चार्ज के नाम पर अतिरिक्त रकम जबरन वसूल रहे हैं ।