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आयोजन

निम्स जयपुर में एनयूजेआई का दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन, वीरेंद्र सक्सेना उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष मनोनीत

भारत की संस्कृति को सनातन बनाए रखने में पत्रकारिता का बड़ा योगदान हैशेखावत

  • मीडिया जगत के समक्ष चुनौतियों और उनके समाधान पर हुई चर्चा
    जयपुर, 26 अगस्त। भारत की संस्कृति को सनातन बनाए रखने में पत्रकारिता का बड़ा योगदान है। जब कभी भी संस्कृति का ह्रास होने की स्थिति का भान होता है, तब पत्रकारिता अपनी लेखनी से जनजागरण की भूमिका निभाती है। आज पीएम मोदी के नेतृत्व में देश तरक्की के पथ पर बढ़ रहा है और आज का युवा इस गति को लेकर उत्साहित है, इन स्थितियों में पत्रकारिता को भी अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी और निष्ठा से निभानी चाहिए।
    यह बात केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने शनिवार को यहां निम्स यूनिवर्सिटी के ऑडिटोरियम में नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट इंडिया (एनयूजे आई) के राष्ट्रीय अधिवेशन का उद्घाटन करते हुए कही। पत्रकार सुरक्षा कानून, सम्मानजनक मानदेय, राष्ट्रीय पत्रकार रजिस्टर आदि मुद्दों को लेकर हो रहे इस दो दिवसीय अधिवेशन में पत्रकार की भूमिका को उन्होंने हर काल में चुनौतीपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि डिजिटल युग आने के बाद पत्रकारिता के क्षेत्र में भी कई बदलाव आए हैं। आज आवश्यकता है कि पत्रकारों को प्रासंगिक पत्रकारिता से जुड़ना होगा। उन्हें लगातार रिलेवेंट बना रहना पड़ेगा, इतिहास जानता है कि जो रिलेवेंट नहीं रहा, उसका विकास नहीं हो सका, पत्रकारों को सही को सही और गलत को गलत कहने की हिम्मत रखनी होगी। अन्यथा इसमें जो चूका, उसे आने वाली पीढ़ियों को यह जवाब देना पड़ेगा कि जिनके हाथ में जन जागरण की जिम्मेदारी थी उस वक्त वह हाथ क्या कर रहे थे। उन्होंने पेड न्यूज़ के बढ़ते चलन पर भी चिंता जताते हुए कहा कि इस यथार्थ को पत्रकारिता जगत को स्वीकार करना पड़ेगा।
    उद्घाटन सत्र में भाजपा के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, विधायक राम लाल शर्मा, पूर्व सांसद व चुनाव प्रबंधन कमेटी भाजपा के संयोजक नारायण पंचारिया, महानगर टाइम्स के प्रधान संपादक गोपाल शर्मा, फर्स्ट इंडिया के सीईओ व एडिटर पवन अरोड़ा, निम्स के निदेशक डॉ पंकज सिंह, शेखावाटी हॉस्पिटल के निदेशक डॉ सर्वेश जोशी, राष्ट्र नव निर्माण सेना (रणसे) के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कौशिक, शानिधाम पीठाधीश्वर दाती महाराज, वरिष्ठ पत्रकार गुलाब बत्रा अतिथि थे। निम्स विश्वविद्यालय के चेयरमैन एवं चांसलर डाॅ. बीएस तोमर एवं निदेशक डाॅ. पंकज सिंह ने अतिथियों तथा एनयूजेआई के पदाधिकारियों को साफ़ा पहनाकर व स्मृति चिह्न प्रदान कर अभिनंदन किया।
  • समाज को जवाबदार पत्रकार की भी आवश्यकता:कैलाश विजयवर्गीय
    कार्यक्रम में मुख्य अतिथि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि जिस तरह देश को जवाबदार विपक्ष की आवश्यकता होती है, उसी तरह समाज को जवाबदार पत्रकार की भी आवश्यकता होती। उन्होंने फेक न्यूज़ से लेकर विदेश से फंड लेकर देश विरोधी नरेटिव चलाने वाले पत्रकारों पर भी कटाक्ष किया और कहा कि ईमानदार पत्रकारों को सटीक तथ्य उजागर करने चाहिए। उन्होंने मंच से घोषणा की केवल पत्रकार सुरक्षा से लेकर पत्रकारों के हर तरह के कार्य के लिए वे बिना फीस के वकील की तरह हर वक्त साथ खड़े मिलेंगे।
    कार्यक्रम में शनिधाम के पीठाधीश दाती महाराज ने कहा कि लोकतंत्र में न्यायपालिका विधायका और कार्यपालिका महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इन तीनों स्तंभों को जाग्रत करने का काम पत्रकारिता का है। जागरूक पत्रकारिता से ही राष्ट्र मजबूत रहता है, संगठित रहता है और संगठित राष्ट्र ही विकास के पथ पर आगे बढ़ता है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता हमेशा गरीब के भले का माध्यम रही है।
    भाजपा चुनाव प्रबंधन कमेटी के संयोजक नारायण पचारिया ने कहा कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ है। जनता व सरकार के बीच सेतु का काम मीडिया करती है। आपातकाल में पत्रकारों को भी जेल में डाल दिया था। उस दौर के संघर्ष के बाद लोकतंत्र की बहाली हुई थी। मूल्यपरक पत्रकारिता की आवश्यकता है। मीडिया वर्तमान में जो भी लिखता है उस पर जनता व सरकार पर असर होता है। यहीं उसकी ताकत है। केंद्र सरकार पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर गम्भीर है। जयपुर के अधिवेशन में जिन मुद्दों पर सार्थक मंथन किया जा रहा है, वह पत्रकारों के लिए लाभकारी होगा।
  • पत्रकारों की भलाई ले लिए नेशनल कोड बनना चाहिए:पवन अरोड़ा
    कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि फर्स्ट इंडिया चैनल के सीईओ व एडिटर पवन अरोड़ा ने पत्रकार की वास्तविक पीड़ा को बयां करते हुए कहा कि वह अधिकारी रहते हुए भी इस बात को लेकर चिंतित रहते थे कि पत्रकार को मान भले ही मिल जाता है, सम्मान भले ही मिल जाता है, लेकिन उसे न्यूनतम मानदेय नहीं मिल पाता है। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यालय में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का वेतन 25 हजार होता है और उसी कार्यालय में अधिकारी के पास खबर लेने जाने वाले पत्रकार का वेतन महज साढ़े 11 हजार होता है। उन्होंने पत्रकार सुरक्षा की वकालत करते हुए इस बात की भी वकालत की पत्रकारों को समुचित सम्मानजनक मानदेय भी मिलना चाहिए। पत्रकारों का एक नेशनल कोड बनना चाहिए जिससे यह तय हो सके कि पत्रकारों को चिन्हित कैसे किया जा सकता है। पत्रकारों के अधीस्वीकरण में भी कई तरह की बाधाएं आती हैं जिनके सरलीकरण की भी आवश्यकता है।
  • पत्रकार को अपनी लेखनी की कीमत और एकता की शक्ति को पहचानना होगा:गोपाल शर्मा
    वरिष्ठ पत्रकार जार के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष तथा महानगर टाइम्स के प्रधान संपादक गोपाल शर्मा ने पत्रकारों को एकजुट होने का आह्वान करने के साथ कहा कि पत्रकार को अपनी लेखनी की कीमत और अपनी एकता की शक्ति को पहचानना आवश्यक हो गया है। उन्होंने कहा कि देश में एक पत्रकार को घर से बाहर निकाल कर गोली मारी जाती है और देश में कोई खास प्रतिक्रिया नहीं होती, ऐसी स्थिति से समझा जा सकता है की पत्रकार की वैल्यू क्या रह गई है। उन्होंने कहा कि पत्रकार को एक विरासत को संभालना है जिसमें तपस्या और त्याग ज्यादा है।
    निम्स हॉस्पिटल और विश्वविद्यालय के निदेशक तथा डॉक्टर पंकज सिंह फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष डॉक्टर पंकज ने कहा कि पत्रकार वह व्यक्ति है जो छोटे से छोटे व्यक्ति के बारे में सोचता है, उसके प्रति संवेदनशीलता रखता है। जब वह इतनी बड़ी जिम्मेदारी निभाता है तो उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी समाज और सरकार की होनी चाहिए। उन्होंने देशभर से आए पत्रकारों का स्वागत किया। शेखावाटी हॉस्पिटल के निदेशक डॉ सर्वेश जोशी, इंडियन फामाॅसिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सर्वेश्वर शर्मा तथा राष्ट्र नव निर्माण सेना (रणसे) के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कौशिक ने भी विचार रखते हुए पत्रकार सुरक्षा की वकालत की।
    इससे पूर्व, इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स से सम्बद्ध नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) के इस दो दिवसीय राष्ट्रीय महाधिवेशन की भूमिका रखते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष रास बिहारी ने बताया कि एनयूजेआई के अध्यक्ष रासबिहारी ने कहा कि फेक न्यूज और फर्जी पत्रकारों के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान चलाया जाएगा। राष्ट्रीय सम्मेलन में पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने के साथ ही मीडिया काउंसिल और मीडिया कमीशन के गठन की मांग की गई। सम्मेलन में लघु व मध्यम समाचार पत्रों को सरकार से सरल विज्ञापन नीति बनाने की मांग की गई। रासबिहारी ने कहा कि सभी राज्यों में पत्रकारों के लिए पेंशन योजना और स्वास्थ्य बीमा कराया जाए। पत्रकारों की मांगों को लेकर जल्दी ही बड़े पैमाने पर आंदोलन छेड़ा जाएगा।
    अधिवेशन मीडिया जगत के समक्ष चुनौतियों और उनके समाधान पर विचार विमर्श के लिए रखा गया है। महाधिवेशन में देशभर के 1500 से ज्यादा पत्रकार भाग ले रहे हैं। एनयूजेआई के राष्ट्रीय महासचिव प्रदीप तिवारी ने बताया कि अधिवेशन में पत्रकार सुरक्षा कानून, मीडिया काउंसिल एवं नेशनल जर्नलिस्ट्स रजिस्ट्रर के गठन, मीडिया संस्थानों में वेजबोर्ड की बहाली, फेक न्यूज पर कानूनी शिकंजा, मंझले व छोटे समाचार पत्रों को संरक्षण, पत्रकारों के रेलवे रियासत की बहाली, पत्रकारों को पेंशन, बीमा कवच, पत्रकारों के बच्चों को छात्रवृत्ति जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। मीडिया जगत की मांगों को लेकर महाधिवेशन में राष्ट्रव्यापी आंदोलन छेड़ने की रूपरेखा भी तैयार की जाएगी। एनयूजेआई के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विमलेश शर्मा, कार्यक्रम संयोजक राकेश कुमार शर्मा, जार के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष शर्मा, प्रदेश महासचिव भाग सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुरेश पारीक, कौशल मूंदड़ा
    ने अतिथियों का स्वागत किया।

प्रतापगढ़ के संतोष भगवन को महामंत्री और लखनऊ के अनुपम चौहान को कोषाध्यक्ष मनोनीत किया गया

घोषणा के बाद अधिवेशन में उत्तर प्रदेश से पधारे 100 से अधिक प्रतिनिधियों की करतल ध्वनि से पूरा हाल गूँज उठा

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26 अगस्त, 2023, शनिवार

लखनऊ। जयपुर में 26-27 अगस्त को हो रहे नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिट्स (इंडिया) के दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन का भव्य शुभारम्भ शनिवार को निम्स यूनिवर्सिटी में हुआ। इस दौरान एनयूजे (आई) उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष के रूप में पूर्व राज्य सूचना आयुक्त एवं वरिष्ठ पत्रकार वीरेंद्र सक्सेना को मनोनीत किया गया है। प्रतापगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार संतोष भगवन को महामंत्री और लखनऊ के अनुपम चौहान के नाम की घोषणा कोषाध्यक्ष पद के लिए की गई।

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राष्ट्रीय अधिवेशन के मंच से एनयूजे (आई) के राष्ट्रीय अध्यक्ष रास बिहारी ने यह घोषणा करते हुए लखनऊ निवासी एवं उत्तर प्रदेश के राज्य सूचना आयुक्त रह चुके वरिष्ठ पत्रकार वीरेंद्र सक्सेना को एनयूजे (आई), उत्तर प्रदेश का अध्यक्ष, प्रतापगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार संतोष भगवन को प्रदेश महामंत्री तथा लखनऊ के जाने-माने पत्रकार अनुपम चौहान को प्रदेश कोषाध्यक्ष मनोनीत किया। इस घोषणा पर पूरा सदन तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। अधिवेशन में उपस्थित उत्तर प्रदेश के 100 से अधिक प्रतिनिधियों की करतल ध्वनि ने नव मनोनीत पदाधिकारियों का अभिनंदन किया। उत्तर प्रदेश के पत्रकारों ने नवमनोनीत पदाधिकारियों को बधाई दी है।

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