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बनारस में टीवी पत्रकार नितिन को पीएसी वाले ने पीटा

Avanindr singh Aman : शनिवार की देर शाम मूर्ति विसर्जन के दौरान बनारस के दशाश्वमेघ के डेढ़सीपुल के समीप ऋषि सेठ अपनी पत्नी और बच्चे संग बाइक से घर जा रहे। भीड़ अधिक होने के कारण डेढ़सीपुल के करीब किनारे बाइक खड़ी कर मूर्ति देखने लगे। इसी बीच पी.ए.सी. का जवान राजाराम यादव वहा पंहुचा और भद्दी-भद्दी गालियां बकनी शुरू कर दी। आरोप है कि ऋषि को तीन-चार थप्पड़ भी जड़ दिया। जब KTV के पत्रकार नितिन ने विरोध किया तो पी.ए.सी. के जवान ने उससे परिचय पूछा।

<p>Avanindr singh Aman : शनिवार की देर शाम मूर्ति विसर्जन के दौरान बनारस के दशाश्वमेघ के डेढ़सीपुल के समीप ऋषि सेठ अपनी पत्नी और बच्चे संग बाइक से घर जा रहे। भीड़ अधिक होने के कारण डेढ़सीपुल के करीब किनारे बाइक खड़ी कर मूर्ति देखने लगे। इसी बीच पी.ए.सी. का जवान राजाराम यादव वहा पंहुचा और भद्दी-भद्दी गालियां बकनी शुरू कर दी। आरोप है कि ऋषि को तीन-चार थप्पड़ भी जड़ दिया। जब KTV के पत्रकार नितिन ने विरोध किया तो पी.ए.सी. के जवान ने उससे परिचय पूछा।</p>

Avanindr singh Aman : शनिवार की देर शाम मूर्ति विसर्जन के दौरान बनारस के दशाश्वमेघ के डेढ़सीपुल के समीप ऋषि सेठ अपनी पत्नी और बच्चे संग बाइक से घर जा रहे। भीड़ अधिक होने के कारण डेढ़सीपुल के करीब किनारे बाइक खड़ी कर मूर्ति देखने लगे। इसी बीच पी.ए.सी. का जवान राजाराम यादव वहा पंहुचा और भद्दी-भद्दी गालियां बकनी शुरू कर दी। आरोप है कि ऋषि को तीन-चार थप्पड़ भी जड़ दिया। जब KTV के पत्रकार नितिन ने विरोध किया तो पी.ए.सी. के जवान ने उससे परिचय पूछा।

जब नितिन ने अपना परिचय दिया तो पी.ए.सी. जवान आग बबूला हो गया और नितिन को भी पीटना शुरू कर दिया।  हर बार की तरह तीसरी बार पुलिस से मार खाने के बाद भी क्षेत्रीय जनता संग धरना पर बैठना, दो घंटे बाद सीओ का पहुंचना,  कार्यवाही का आश्वासन, फिर धरना ख़त्म। याद करो पिछली बार दशाश्वमेघ घाट पर जब जनसंदेश अखबार के तत्कालीन क्राइम रिपोर्टर संदीप को पुलिस ने अपना शिकार बनाया था तो यही दशाश्वमेघ सीओ डी.पी. शुक्ला ने कार्यवाही का आश्वासन दिया लेकिन नतीजा यह रहा कि आरोपी पुलिसकर्मी अगले ही दिन से ड्यूटी करने लगे। उन्हें पुलिस लाइन भी नहीं भेजा गया।

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इस बार भी कार्यवाही का आश्वासन मिला है लेकिन रिजल्ट शून्य रहेगा। कारण यह कि खबरिया चैनल के कुछ दल्ले पहुंच जायेंगे पुलिस अधिकारियों के पास और अपनी पहचान के चक्कर में वह खुद मीडियाकर्मी की गलती बताएँगे और मीडियाकर्मी को झूठा बनायेंगे। अब आगे फिर कोई पत्रकार बंधु तैयार रहो पुलिस का शिकार बनने के लिए। ऐसे ही हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे तो मनबढ़ सिपाही ऐसे ही किसी पत्रकार की सरेआम ऐसी-तैसी करता रहेगा और उसका कुछ न बिगड़ेगा।

बनारस के युवा और प्रतिभाशाली पत्रकार अवनींद्र सिंह अमन के फेसबुक वॉल से.

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