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पत्रकार एवं कथाकार पंकज भारद्वाज की कहानियां समाज की नंगी तस्वीर का प्रतिबिंब हैं: आशा शैली

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बिजनौर के वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार डॉ. पंकज भारद्वाज के कहानी संग्रह ‘पंकज की कहानियां’ का विमोचन देश की वरिष्ठ कथाकार एवं लेखिका आशा शैली ने किया। इस अवसर पर श्रीमती शैली ने कहा कि कहानियां जीवन के विविध पक्षों को उद्घाटित करती हैं। उन्होंने कहा कि पंकज की कहानियों में सामाजिक ताने-बानों का जाल दिखता है लेकिन ये कहानियां समाज की नंगी तस्वीर का प्रतिबिंब हैं। उन्होंने कहा कि मजबूत कथानक के जरिए लेखक ने अपनी कहानियों में इतना दम भर दिया है कि एक बार कहानी पढ़ते हैं तो पूरी किताब एक ही शिफ्ट में पढ़ने का मन करता है।

<p><img src="images/P_BH.JPG" alt="P BH" /></p> <p>बिजनौर के वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार डॉ. पंकज भारद्वाज के कहानी संग्रह ‘पंकज की कहानियां’ का विमोचन देश की वरिष्ठ कथाकार एवं लेखिका आशा शैली ने किया। इस अवसर पर श्रीमती शैली ने कहा कि कहानियां जीवन के विविध पक्षों को उद्घाटित करती हैं। उन्होंने कहा कि पंकज की कहानियों में सामाजिक ताने-बानों का जाल दिखता है लेकिन ये कहानियां समाज की नंगी तस्वीर का प्रतिबिंब हैं। उन्होंने कहा कि मजबूत कथानक के जरिए लेखक ने अपनी कहानियों में इतना दम भर दिया है कि एक बार कहानी पढ़ते हैं तो पूरी किताब एक ही शिफ्ट में पढ़ने का मन करता है।</p>

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बिजनौर के वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार डॉ. पंकज भारद्वाज के कहानी संग्रह ‘पंकज की कहानियां’ का विमोचन देश की वरिष्ठ कथाकार एवं लेखिका आशा शैली ने किया। इस अवसर पर श्रीमती शैली ने कहा कि कहानियां जीवन के विविध पक्षों को उद्घाटित करती हैं। उन्होंने कहा कि पंकज की कहानियों में सामाजिक ताने-बानों का जाल दिखता है लेकिन ये कहानियां समाज की नंगी तस्वीर का प्रतिबिंब हैं। उन्होंने कहा कि मजबूत कथानक के जरिए लेखक ने अपनी कहानियों में इतना दम भर दिया है कि एक बार कहानी पढ़ते हैं तो पूरी किताब एक ही शिफ्ट में पढ़ने का मन करता है।

इस अवसर पर वरिष्ठ कवयित्री पुष्पा जोशी ने भी कहा कि वरिष्ठ कथाकार एवं पत्राकार डॉ. पंकज भारद्वाज ने जीवन के संघर्षो की छाया में इन कहानियों को गढ़ा जिससे कहानियों का अंत दुखान्त हो सकता है जो उनकी अपनी विशेष शैली है। लेकिन पाठकों को जोड़ने में ये कहानियां सफल रहेगी। इस मौके पर कहानी संग्रह के लेखक डॉ. पंकज भारद्वाज ने कहा कि अपनी कहानियों में आसपास की घटनाओं व पात्रों के जरिए वह पाठकों को यथार्थ के करीब लाना चाहते हैं। इस अवसर पर प्रसिद्ध बाल साहित्यकार डॉ. अजय जनमेजय, डॉ. अरविन्द शर्मा, डॉ. अशोक कुमार, डॉ. अनिल शर्मा अनिल, अशोक निर्दोष, नवेद अनवर आदि ने विचार व्यक्त कर इन कहानियों के बारे में विस्तार से चर्चा की।  समारोह की अध्यक्षता शकील बिजनौरी ने की। उल्लेखनीय है कि डॉ. पंकज भारद्वाज बिजनौर से प्रकाशित होने वाले सांध्य दैनिक पत्र ‘पब्लिक इमोशन’ के प्रधान संपादक हैं और उनकी अब तक आधा दर्जन पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।

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 बिजनौर से नवेद अनवर की रिपोर्ट।

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