लखनऊ : लगभग ढाई दशक से प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में उच्च पदों पर रहे वरिष्ठ पत्रकार पंकज वर्मा ने साधना न्यूज टेलीविजन को प्रेसिडेंट एवं ग्रुप एडिटर के रूप में ज्वॉइन कर लिया है। वह लखनऊ से नया पदभार संभालते हुए साधना न्यूज के छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, बिहार, झारखंड, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश के न्यूज नेटवर्क को प्रबंधित-संचालित करेंगे लेकिन मुख्य रूप से यूपी-उत्तराखंड पर उनका दायित्व केंद्रित होगा।
पंकज वर्मा मूलतः पटना के रहने वाले हैं लेकिन पिछले लगभग पंद्रह वर्षों से लखनऊ में रह रहे हैं। उन्होंने वर्ष 1986 में टाइम्स आफ इंडिया से पत्रकारिता में कदम रखा था। वर्ष 1996 में राष्ट्रीय सहारा लखनऊ, के यूनिट हेड बने। इसके बाद एशियन एज, अहमदाबाद में 1996 में ही वाइस प्रेसिडेंट और वहां से जनरल मैनेजर नवभारत, नागपुर बने। वर्ष 2000 में हिंदुस्तान टाइम्स ग्रुप, लखनऊ के यूनिट हेड एवं जनरल मैनेजर हो गए। वर्ष 2002 से 2007 तक जनसत्ता, लखनऊ के संपादक और इंडियन एक्सप्रेस के जीएम रहे। वर्ष 2008 में यूनाइटेड भारत लखनऊ के संपादक एवं जीएम बने। वह वर्ष 2008 से 2010 तक जैन टेलीविजन में वाइस प्रेसिडेंट एंड एडिटर रहे। फिर वर्ष 2010 से 12 तक साधना न्यूज में वह यूपी-उत्तराखंड-हिमाचल के हेड बन गए। वह अगस्त, 2012 में श्रीन्यूज टेलीविजन के प्रेसिडेंट एवं ग्रुप एडिटर हो गए।
Comments on “पंकज वर्मा साधना न्यूज के प्रेसिडेंट एवं ग्रुप एडिटर बने”
उतरने लगी आनंद की मेहंदी,
दबाव में लगातार गलत निर्णय
कर रहे हैं पांडे
भास्कर से हाल ही में बड़ी उम्मीद से इंदौर नईदुनिया में लाए आनंद पांडे की मेहंदी उतरने लगी है… ऊंची और बड़ी बातों से अपनी मार्केटिंग कर रहे पांडे नईदुनिया में आ तो गए पर काम के दबाव से दो ही महीनों में सांसे फूलने लगी है… पांडे के दबाव में आने की एक बड़ी और है… गलत साथियों का चयन… पांडे के साथ रायपुर भास्कर में काम कर रहे मनोज प्रियदर्शी को मोटी सेलेरी देकर नईदुनिया लाया गया… भाषा ज्ञान और अंग्रेजी में कमजोरी के बावजूद उन्हें सेंट्रल डेस्क का प्रभारी बना दिया… स्वाभाविक था प्रतिभाशाली लोग परेशान होने लगे… भरे संपादकीय हॉल में जब सेंट्रल डेस्क के वरिष्ठ सहयोगी सचींद्र श्रीवास्तव ने मनोज को उनके कमजोर न्यूज सेंस पर आईना दिखाया तो पांडे के प्रिय पात्र प्रियदर्शी हत्थे से उखड़ गए… दोनों में जमकर तू-तू मैं-मैं हुई… सचींद्र तब और दुखी हो गए जब बेकसूर होने के बाद भी पांडे ने उन्हें आड़े हाथ लिया… अच्छे लोगों पर नजरें जमाए बैठे भास्कर ने मौके का फायदा उठाया और काम के जानकार सचींद्र को तुरंत ऑफर दे दिया… सचींद्र ने भी जमकर शॉट मारा, पद और पैसे में प्रमोशन के साथ अपना भाग्य भास्कर से जोड़ लिया… ऐसी ही कहानी उज्ज्वल शुक्ला की है… पंडित जी ने पिछले 10 सालों से नईदुनिया से नाता जोड़ रखा था… पांडे परिवार से सार्वजनिक भिडंत होने के बाद उन्होंने सधा हुआ वक्तव्य जारी किया – यदि हाड़तोड़ मेहनत के बाद जिल्लत ही सहनी हो तो ज्यादा पैसे व बड़े पद के ऑफर को क्यों ठुकराया जाए… नईदुनिया सेंट्रल डेस्क पर ऑनलाइन एडिटिंग-पेजमेकि ंग का यह आजमाया खिलाड़ी अब भास्कर की ओर से बेटिंग कर रहा है… अब कहानी में थोड़ा आक्रामक घुमाव है… सेंट्रल डेस्क की पुरानी साथी सीमा शर्मा ने पांडे जी के पहियों से सीधा पंगा लिया… पूरे संपादकीय के सामने मनोज प्रियदर्शी का ऐसा पानी उतारा कि एकबारगी तो सभी को सांप सूंघ गया… सीमा ने तर्क के साथ अपनी बात भी रखी, तार्किक परिणाम भी निकाला… असर देखिए अब उनके नाम से, उनसे जुड़ी सारी बातें अपने आप सध जाती हैं… अब जोर का झटका धीरे से… नईदुनिया की मिट्टी में पले बढ़े मधुर जोशी ने सेलरी और थुक भरा तमाचा इस्तीफे के रूप में दे मारा… जोशी जी की सुबह अब भास्कर के उजाले में हो रही है… जानकारी के लिये बता दूं कि गजेंद्र मिटिंग से गालियां देकर नहीं गया। बस उसने पांडे की गालियां खाने से इंकार कर दिया और तमीज से बात करने की नसीहत दे डाली। जबकि पांडे को जूते लगाये जाने चाहिये थे। ऐसे ही जो जयेंद्र जी को जानता है वो सपने में भी नहीं सोच सकता कि वे गलती करें और उनको भाफी मांगना पड़े। एक मूर्ख और जाहिल को यदि किसी समझदार का हेड बनाया जाएगा तो समझदार जयेंद्र जी की तरह खुद को किनारे कर लेगा। गधे को घोड़े पर सवार होते देखना है तो अभी नईदुनिया आ जाओ।
खुफिया विभाग पर पांडे खर्च कर रहे डेढ़ लाख रुपए महीना
शोले का मशहूर पात्र हरिराम नाई आपको याद ही होगा… ठीक यही भूमिका में इन दिनों काम कर रहे हैं सेंट्रल डेस्क के मनोज प्रियदर्शी, सिटी डेस्क के नितिन शर्मा और रिपोर्टर प्रमोद त्रिवेदी… तीनों का कुल वेतन करीब डेढ़ लाख रुपए महीना है… लेकिन जिम्मेदारी है केवल सूचना संग्रह… कहां क्या हो रहा, कौन क्या कर रहा, किसने किससे कितनी देर क्या बात की, पल-पल के अपडेट पर नजर रखना और सीधे सिंहासन तक खुफियापंथी करना… जिम्मेदार पद-मोटा वेतन और काम केवल हरिराम नाई का… बस यही वजह है कि इन दिनों ये तीनों पूरी टीम के निशाने पर हैं… कोई आश्चर्य नहीं कि किसी दिन कोई सिरफिरा कोई बड़ी खबर दे दे…
congratulation panaj sir aapse Nagpur nav bharat me mila hoo.
sandeep shrivastava
sr. editor GRAND CABLE NEWS
DURG- BHILAI – chhattigarh
sadhna mai ye karebngey kiya
yes inke kharche jayeda hai tho 6 – 7 mahine salary lengey aur lallaoo ko katengey
aur lalla inse SANDHEY KE TEL bikwayega
Ek aur Journalist ne ki apne ZAMIR KI Hatya
“PANKAJ VERMA’