पत्रकार जसकरण सिंह चावला को पर्याप्त एवं प्रभावी सुरक्षा देने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा के पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह को निर्देशित किया है. पत्रकार जसकरण सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि वे एक कारपोरेट फ्रॉड के मामले की छानबीन कर रहे हैं और उनका लगातार पीछा किया जा रहा है. ऐसे में आशंका है कि उन पर कभी भी हमला हो सकता है.
सुप्रीम कोर्ट ने इस पत्रकार को 12 अक्टूबर को ही सुरक्षा देने के निर्देश दिए थे. पर ऐसा न किए जाने पर सुप्रीम कोर्ट की प्रधान न्यायाधीश उदय उमेश ललित वाली पीठ ने नया आदेश जारी किया.
ये पीठ एमटेक ऑटो लिमिटेड कंपनी के फ्रॉड के मामलों की सुनवाई कर रही है. एमटेक आटो लिमिटेड ने 27 बैंक से कर्ज लिया और फिर इस पैसे की हेराफेरी की. इसी मामले की पत्रकार जसकरण सिंह चावला छानबीन कर रहे हैं.
पीठ ने अपने आदेश में कहा- ‘अटॉर्नी जनरल ने हमें आश्वस्त किया है कि संबंधित व्यक्ति एवं उसके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी कदम उठाये जाएंगे. हम पुलिस आयुक्त गौतमबुद्ध नगर को संबद्ध व्यक्ति को पर्याप्त एवं प्रभावी पुलिस सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश देते हैं.’
पीठ ने आदेश की प्रतियां पुलिस आयुक्त कार्यालय को भेजने के लिए कहा.
ज्ञात हो कि अधिवक्ता जय अनंत देहाद्री ने पीठ के समक्ष कहा कि आदेश के बावजूद नोएडा में रह रहे पत्रकार जसकरण सिंह चावला को कोई सुरक्षा नहीं मुहैया की गई. इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से अधिवक्ताओं ने पीठ से कहा कि यदि नोएडा के पुलिस आयुक्त को निर्देश जारी किये जाते तो प्रभावी कदम तत्काल उठाया गया होता. इसी के बाद पीठ ने पत्रकार की सुरक्षा के लिए नोएडा के पुलिस कमिश्नर को आदेश जारी किए.