यूपी में पुलिसकर्मियों ने पत्रकार को थाने में ले जाकर पीटा, लहूलुहान पत्रकार ने किया हंगामा

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मेरठ। थाना इंचौली में दैनिक जागरण के पत्रकार की पिटाई कर दी गई। जिला अस्पताल में इलाज को पहुंचे लहूलुहान पत्रकार ने हंगामा करते हुए पुलिसकर्मियों पर आरोप लगाया कि उसका सिर सलाखों में देकर मारा, जिससे उसका सिर फट गया। पत्रकार द्वारा हंगामा करने का वीडियो वायरल हो गया है जिसमें वह पुलिस पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। हालांकि, पुलिस ने आरोपों को निराधार बताया है।

पीड़ित पवन पाहवा ने बताया, वे दैनिक जागरण और शाह टाइम्स के पत्रकार हैं। पबला मार्ग पर उनका मकान है। शनिवार रात्रि उनके घर के पीछे कुछ लोग पेड़ कटान कर रहे थे। वे अपने साथी कुलदीप के साथ वहां पहुंचे और वीडियो बनाने लगे। पेड़ काट कर रहे लोगों ने यह देखा तो उन्होंने मोबाइल छीन लिया और पिटाई कर दी। मामले की शिकायत लेकर वे इंचौली थाने पहुंचे।

आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने शिकायत सुनने के बजाए उनकी ही पिटाई कर दी। उनका सिर हवालात की सलाखों में देकर मारा, जिससे सिर फट गया, और वे लहूलुहान हो गए। घायल अवस्था में पुलिसकर्मी उनको जिला अस्पताल लेकर गए, जहां पवन पाहवा ने हंगामा कर दिया। इसका वहां मौजूद लोगों ने वीडियो बना लिया और वायरल कर दिया।

वीडियो में ये बोल रहे पवन पाहवा

वीडियो में पवन पाहवा कह रहे हैं वे दैनिक जागरण और शाह टाइम्स में पत्रकार हैं। योगी सरकार में पत्रकारों की ये हालत हो गई कि पुलिसकर्मी उनकी पिटाई कर रहे हैं। पुलिस बाग कटवा रही है। भाजपा नेता विक्की तनेजा के वे रिश्तेदार हैं। उनके पुत्र और पुत्री सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं। उनका बहनोई एडीजी के यहां पैरोकार है।

ये कहना है थाना प्रभारी का

इस मामले में इंचौली थाने के एसओ सूर्यदीप सिंह का कहना है कि पवन पाहवा के साथ पुलिसकर्मियों ने पिटाई नहीं की। आरोप निराधार है। पवन गिरकर चोटिल हुए है। पुलिसकर्मियों ने तो उनका इलाज करवाया है।

अपना पत्रकार बताने से किया इंकार
दैनिक जागरण के संपादक रवि प्रकाश तिवारी व शाह टाइम्स मेरठ के जिला प्रभारी शाहवेज खान ने कहा, पवन पाहवा उनके यहां काम नहीं करते।

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One comment on “यूपी में पुलिसकर्मियों ने पत्रकार को थाने में ले जाकर पीटा, लहूलुहान पत्रकार ने किया हंगामा”

  • यह एक कड़वा सच है कि किसी भी पत्रिका दैनिक अखबार का कोई भी सीधा साधा दिनरात एक करने वाला हर संभव प्रयास रत रहने वाला विज्ञापन के लिए दर दर भटकता, पत्रकार,,उस दैनिक अखबार,या पत्रिका के लिए काम करता है फिर भी उसे लास्ट में कुछ नहीं मिलता। अगर उसके साथ कोई बात हो जाए, तो यही अखबार संपादक,,उसे अपना पत्रकार नहीं मानता।

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