निर्मलकांत शुक्ला-
पीलीभीत। मोदी-योगी राज में एक ओर तो भाजपा अयोध्या के राम मंदिर के निर्माण को लेकर चुनावी समर में है, वहीं उत्तर प्रदेश के जनपद पीलीभीत में पूर्वोत्तर रेलवे के इज्जतनगर मंडल ने अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत परसों पुराना शिव मंदिर जेसीबी चलाकर जमींदोज कर दिया।
स्थानीय नागरिकों ने बवाल किया तो मौके पर एसडीएम पहुंचे। एसडीएम ने रेलवे के अफसरों को फोन लगाकर इस बात पर कड़ी आपत्ति की कि मजिस्ट्रेट को जानकारी दिए बगैर कैसे अतिक्रमण हटाओ टीम ने मंदिर को गिरा दिया।
मामला जनपद पीलीभीत की तहसील बीसलपुर का है। रेलवे की इज्जतनगर मंडल की टीम आरपीएफ को लेकर बीसलपुर पहुंची, जहां बीसलपुर रेलवे स्टेशन के बाहर जेसीबी चलाकर अवैध रूप से बनी मकानों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया। रेलवे के क्षेत्र में ही वर्षों पुराना शिव मंदिर भी स्थापित था, जिसमें शिवलिंग पर हर रोज सैकड़ों लोग जलाभिषेक करते थे। भोलेनाथ के इस मंदिर को जेसीबी चलाकर जमींदोज कर दिया गया।
जब इसकी जानकारी स्थानीय नागरिकों को हुई तो उन्होंने हंगामा करना शुरू कर दिया। सूचना मिलते ही मौके पर बीसलपुर के एसडीएम राकेश गुप्ता पहुंचे। उन्होंने मौका मुआयना करने के बाद उत्तेजित नागरिकों को शांत किया। उन्होंने तत्काल मोबाइल पर रेलवे के अधिकारियों से इस बात पर कड़ी आपत्ति की कि अतिक्रमण हटाने से पहले कम से कम क्षेत्र के एसडीएम को सूचना तो दी जानी चाहिए थी। लोगों की आस्था के प्रतीक शिव मंदिर को ध्वस्त कर दिया गया। इससे लोगों में आक्रोश है। एसडीएम ने कहा कि पूरे मामले की उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेज रहे हैं।
मंदिर की सियासत करने वाले खामोश
रेलवे विभाग की टीम ने जेसीबी चलाकर बरसों पुराना शिव मंदिर ध्वस्त कर दिया। इसकी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बावजूद ना तो किसी भी भाजपा विधायक ने और ना ही भाजपा संगठन ने इस मामले अभी तक संज्ञान लिया है। विश्व हिंदू परिषद आदि तमाम हिंदू संगठन भी चुप्पी साधे हैं।
हिंदू युवा वाहिनी ने सीएम को भेजी शिकायत
हिंदू युवा वाहिनी के जिला अध्यक्ष ठाकुर मनीष सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजे शिकायती पत्र में कहा है कि वर्षों से रेलवे स्टेशन के समीप भगवान शिव का मंदिर, जो समस्त हिंदू जनमानस की आस्था का प्रतीक है, उसको रेलवे कर्मचारियों ने बगैर उप जिलाधिकारी बीसलपुर को सूचित किए निर्ममता से तोड़ दिया। जब मंदिर तोड़ा गया, उस वक्त मौके पर कोई प्रशासनिक अधिकारी मौजूद नहीं था। उप जिलाधिकारी ने कार्रवाई का आश्वासन देकर पल्ला झाड़ लिया। हिंदू जनमानस में इस घटना से आक्रोश है। चुनाव का समय है। हिंदू युवा वाहिनी ने मुख्यमंत्री से मांग की कि दोषियों पर कठोरतम कार्रवाई के लिए निर्देश दिए जाएं। साथ ही मंदिर के पुनः जीर्णोद्धार के लिए प्रशासन को आदेशित किया जाए।