सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस को जमकर लगायी फटकार… सीएम पर आपत्तिजनक ट्वीट करने वाले पत्रकार प्रशांत को तुरंत रिहा करने के आदेश… कहा- मौलिक अधिकार का हनन है पत्रकार की गिरफ़्तारी, कहीं ग़लत हो रहा है तो हम आंखें बंद करके नहीं रह सकते
सुप्रीम कोर्ट मे यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक पोस्ट करने के आरोप मे गिरफ़्तार पत्रकार प्रशांत कनौजिया को तत्काल जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।
सुप्रीम कोर्ट से योगी सरकार को बड़ा झटका लगा है। पत्रकार प्रशांत कन्नौजिया को तुरंत रिहा करने का आदेश योगी सरकार के बाबाराज पर न्यायपालिका का डंडा है।
एक महिला द्वारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बारे में किये गये एक तरफा प्यार के इजहार संबंधी वीडियो को अपने कमेंट के साथर सोशल मीडिया पर शेयर करने वाले पत्रकार प्रशांत कन्नौजिया की गिरफ्तारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जतायी है। देश की सर्वोच्च अदालत ने प्रशांत कनौजिया को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया है।
अब से कुछ देर पहले हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एक नागरिक के अधिकारों का हनन नहीं किया जा सकता है, उसे बचाए रखना बेहद आवश्यक है।
कन्नौजिया की पत्नी ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी जिस पर सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगायी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर किसी की निजी आजादी का हनन हो रहा है तो हम हस्तक्षेप करेंगे।
कोर्ट ने कहा कि किसी की राय अलग-अलग हो सकती है शायद उस ट्वीट को लिखना नहीं चाहिए था लेकिन उन्हें किस आधार पर गिरफ्तार किया गया? सर्वोच्च अदालत ने कहा कि किसी को एक ट्वीट के लिए 11 दिन तक जेल में नहीं रखे सकते हैं। यह कोई हत्या का मामला नहीं है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में मजिस्ट्रेट का ऑर्डर सही नहीं है। उसे तुरंत रिहा किया जाय।
देखें समाचार एजेंसी ANI का ट्वीट-
ANI
@ANI
Supreme Court orders immediate release of freelance journalist, Prashant Kanojia who was arrested by UP Police for ‘defamatory video’ on UP Chief Minister.
Abdul Ali Tanha
June 11, 2019 at 5:04 pm
न्याय पालिका पर हमारा भरोसा अटूट विश्वास है यही वजह है की उच्चतम न्यायालय ने एक बार फिर सरकारी तन्त्र का दुरुपयोग करने वाली योगी सरकार को सबक सिखाते हुए पत्रकार को रिहा करने के सख्त आदेश देकर न्याय पालिका ने साबित कर दिया की सरकार से आगे भी न्याय का रास्ता है जहा इन्साफ मिल सकता है