कई न्यूज चैनलों के प्रधान संपादक और सलाहकार रह चुके वरिष्ठ पत्रकार प्रसून शुक्ल की माताजी का कल सुबह 6 बजे निधन हो गया. वो काफी समय से बीमार चल रहीं थीं. वे अपने सबसे छोटे पुत्र वरिष्ठ पत्रकार प्रसून शुक्ल के साथ गाजियाबाद में रह रहीं थीं. 80 वर्षीय माताजी पुष्पा शुक्ला का इलाज लंबे समय से नोएडा-गाजियाबाद के कई बड़े अस्पतालों में चल रहा था. उन्हें शुगर, सांस समेत कई किस्म की उम्र जनित समस्याएं थीं. वह कई वर्षों से हर एक रोग-मुश्किल से लड़ते हुए लगातार अस्पतालों से निकल कर सेहत पर जीत हासिल करते हुए अपने छोटे बेटे प्रसून के साथ उनके घर पर लौट आती थीं.
प्रसून शुक्ल ने मां के बेहतर स्वास्थ्य और इलाज के लिए गाजियाबाद के अपने इंदिरापुरम स्थित आवास के एक हिस्से को मिनी हास्पिटल में तब्दील कर दिया था जहां आक्सीजन से लेकर एनर्जी तक देने की पूरी अत्याधुनिक व्यवस्था थी. साथ ही हर रोग के विशेषज्ञ डाक्टर नियमित आवाजाही करते हुए परीक्षण किया करते थे. परसों प्रसून के आवास पर उनके बड़े भाई समेत घर-परिवार के काफी सदस्य आए हुए थे और माताजी सबसे हंसते हुए खुलकर बातचीत कर रहीं थीं. लेकिन कल सुबह छह बजे बाथरूम जाते वक्त उन्हें अचानक कुछ दिक्कतें महसूस हुईं. उन्होंने परिजनों को आवाज दी. माताजी को जब तक परिजन संभाल पाते और अस्पताल ले जाते, उन्होंने अपनों के बीच ही अंतिम सांस ले ली.
मौके पर आए डाक्टरों ने माताजी के जब जिंदा न बचे रहने की सूचना सबको दी तो घर में कोहराम मच गया. प्रसून शुक्ल अपने मां के पार्थिव शरीर के साथ कल शाम नौ बजे अपने गृह जनपद बस्ती पहुंच गए. माताजी का विधि विधान से अंतिम संस्कार आज अयोध्या में किया जाएगा. प्रसून शुक्ल के पिता जी पहले ही स्वर्गवासी हो चुके हैं. उनके एक तेजतर्रार बड़े भाई कुछ वर्ष पहले सड़क हादसे के कारण असमय काल कवलित हो गए. अब माताजी का जाना पूरे परिवार के लिए बड़ा झटका-सदमा है.
माताजी पुष्पा शुक्ला अपने पीछे तीन पुत्र, पांच बेटियों, 18 नाती-पोतों समेत कुल 26 लोगों का भरा पूरा परिवार छोड़ गई हैं. परिवार के सभी वयस्क लोग उच्च पदस्थ और स्वस्थ-समृद्ध हैं. संपादक प्रसून शुक्ल के परिचितों-प्रशंसकों ने माताजी के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त करते हुए माताजी को श्रद्धांजलि दी और परिजनों को दुख सहने की क्षमता देने की ईश्वर से प्रार्थना की है. भड़ास4मीडिया के एडिटर यशवंत सिंह ने संपादक प्रसून शुक्ल के माताजी के निधन पर गहरा दुख जताते हुए कहा कि कि वे गाहे-बगाहे जब भी प्रसून जी के घर उनसे मिलने जाते तो माताजी से जरूर मुलाकात होती और उनसे आशीर्वाद लेते.
यशवंत ने बताया कि माताजी काफी समय से रोगों-दुखों को मात देते हुए अदभुत तरीके से खुद को संभाल रही थीं और पूरे परिवार के लिए एक संबल-प्रेरणास्रोत बनी हुई थीं. माताजी का यूं अचानक चले जाना अप्रत्याशित है. उनके अंदर अदभुत जिजीविषा और सहनशक्ति थी. यशवंत ने ईश्वर से प्रार्थना की कि प्रभु माताजी की आत्मा को शांति प्रदान करें और पूरे परिवार को इस दुख की घड़ी से उबरने की ताकत दें. माताजी पुष्पा शुक्ला के गुजर जाने की खबर मिलने के बाद देश-प्रदेश के कई बड़े राजनीतिज्ञों और बस्ती जनपदवासियों में शोक की लहर दौड़ गई. हर कोई माताजी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए परिजनों के लिए इस मुश्किल घड़ी में ईश्वर से ताकत और हिम्मत देने की प्रार्थना कर रहा है.
swami umesh shukla
September 3, 2017 at 5:50 am
bahut dukhad hai maa ka mahaprayan. naman us mahan atma ko.
Sanjeev Kumar
September 4, 2017 at 5:21 am
विनम्र श्रद्धांजलि …… भगवान् उनकी आत्मा को शांति दे।