कई हाई प्रोफाइल केस की जाँच करने वाले चर्चित ईडी अधिकारी राजेश्वर सिंह के बारे में खबर आ रही है कि वे जल्द रिटायरमेंट लेकर भाजपा ज्वाइन करेंगे।
राजेश्वर सिंह की बहन ऐडवोकेट आभा सिंह ने एक ट्वीट के ज़रिए ये जानकारी दी है। इस खबर के बाद सोशल मीडिया में तरह तरह की चर्चाएं हैं।
वरिष्ठ पत्रकार संजय कुमार सिंह फ़ेसबुक पर लिखते हैं- “सेवा करो मेवा मिलेगा – अब मेरी बारी! अमिताभ ठाकुर, जबरिया रिटायर, हाउस अरेस्ट। ईडी के अधिकारी राजेश्वर सिंह भाजपा में शामिल होंगे। ई ह भाजपा के खेला, तू देख बबुआ”!
राजकेश्वर सिंह यूपी के सुल्तानपुर ज़िले के रहने वाले हैं। वे डिप्टी एसपी सेलेक्ट होने के बाद यूपी पुलिस की सेवा में आए। इन्हें इनकाउंटर स्पेशलिस्ट के तौर पर जाना गया। बाद में उनकी तैनाती प्रवर्तन निदेशालय में हुई।
राजेश्वर सिंह इस वक्त ED के joint director के रूप में लखनऊ में तैनात हैं। माना जा रहा है कि भाजपा join करने के बाद राजेश्वर सिंह यूपी के आगामी विधानसभा चुनाव में लखनऊ या सुल्तानपुर से चुनाव लड़ सकते हैं।
यूपीए सरकार के वक्त के कई घोटालों की जाँच में राजेश्वर सिंह ने अहम भूमिका निभाई। इनमें प्रमुख हैं- 2जी स्कैम, कोल माइंस स्कैम, कामनवेल्थ गेम स्कैम, एयरसेल मैक्सिस स्कैम आदि।
इन सारे घोटालों में कांग्रेस के बड़े बड़े नेता फँसे थे। इस कारण राजेश्वर सिंह को भाजपा पसंद करती रही है और कांग्रेस नापसंद।
सहारा मीडिया के सीईओ और एडिटर इन चीफ़ उपेन्द्र राय से राजेश्वर सिंह की लम्बी अदावत चली। उपेन्द्र राय को अचानक ही अरेस्ट कर तिहाड़ भेज दिया गया और कई प्रदेशों में मुक़दमा लिखवा दिया गया। फ़िलहाल दोनों में सुलह हो चुकी है और इनमें अच्छे संबंध विकसित हो चुके हैं।
राजेश्वर सिंह ने विभिन्न जाँचों के दौरान कई क़ानूनों के तहत क़रीब तीन हज़ार करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच की। दूसरी तरफ़ खुद राजेश्वर भी आय से अधिक सम्पत्ति के आरोपों के कारण चर्चा में आते रहे हैं।
राजेश्वर सिंह दबंग अधिकारी माने जाते हैं। हाई प्रोफाइल केसों में विभिन्न तरह के दबावों का सामना करते हुए जाँच अंजाम तक पहुँचा पाना सबके वश की बात नहीं होती। यही कारण है कि दबाओं के आगे न झुकते हुए राजेश्वर ने सीधे सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर न्यायिक संरक्षण हासिल किया।
सफ़ेदपोश लोगों के दबाओं के चलते वर्ष 2011 में भी राजेश्वर ने नौकरी छोड़ने का प्लान किया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के कारण जाँच के काम में जुटे रहे।
राजेश्वर ने देश के सबसे ताकतवर नौकरशाह (पीएम मोदी के चहेते रेवेन्यू सेक्रेटरी हंसमुख अधिया) से भी पंगा लिया था। एक पत्र लिख कर राजेश्वर ने हंसमुख पर उनका प्रमोशन रोकने का आरोप लगाया था। इस विवाद के बाद राजेश्वर लम्बी छुट्टी पर चले गए थे।